और कुछ नहीं चाहिए
लोगों को बातें बताने के लिए,
बस एक चेहरा मुझे दे दो
मेरा चेहरा छुपाने के लिए।
Aur Kuch Nahi Chahiye,
Logo Ko Baatein Batane Ke Liye,
Bas Ek Chehra Mujhe De Do…
Mera Chehra Chupane Ke Liye!!
फिर भी चमकता है
भले दिल ग़म से भर जाए
ये तेरा चेहरा नहीं है
जो बात-बात पे उतर जाए!
मुझसे प्यार खुदको दिखाना नही आता
और तू कहता है मेरा चेहरा तुझे पसंद नही आता
दर्द देख आंसूं खुदको छिपाना नही आता
और तू कहता है मेरा चेहरा तुझे पसंद नही आता
मेरे एहसास में खुदको जताना नही आता
और तू कहता है मेरा चेहरा तुझे पसंद नही आता
आंखों के जाम में खुदको सजाना नही आता
और तू कहता है मेरा चेहरा तुझे पसंद नही आता
एक ‘बेबसी’ सी छाई रहती है मेरे चेहरे पर आजकल
सुनो! तुम मेरे चेहरे की ‘रानाई’ बनकर आ जाओ ना!
कुछ ऐसे तुम्हारे चेहरे की यादों में झूल जाते हैं,
याद करते रह जाते हैं और लिखना भूल जाते हैं!!
चेहरा वही होता है…
आईने बदलते रहते हैं!
लफ़्ज़ वही रहता है…
मायने बदलते रहते हैं!!
Chehra Wahi Hota Hai…
Aaine Badalte Rehte Hain!
Lafz Wahi Rehta Hai…
Mayane Badalte Rehte Hain!!