वक्त कहाँ ठहरता है किसी की खातिर,
जो वक्त के साथ चला, वही कीमत समझ पाया।
Waqt Kahan Thahrata Hai Kisi Ki Khatir
Jo Waqt Ke Sath Chala, Wahi Keemat Samjh Paya Hai!
वक्त की बात है जान लो,
तारीफे दिन बनाती है
और ताने जिंदगी!
समय से लड़कर जो अपना नसीब बदल दे,
इंसान वही जो अपनी तक़दीर बदल दे,
कल क्या होगा कभी ना सोचो,
क्या पता कल समय खुद अपनी तस्वीर बदल दे!
हर सूरज वक्त के साथ ढल गए,
जो सबसे करीब थे वो भी बदल गए!
हमें हर वक्त ये एहसास दामन-गीर रहता है,
पड़े हैं ढेर सारे काम और मोलतज ज़रा सी है!
ये वक्त गुजरता रहता है,
इंसान भी बदलता रहता है,
संभाल लो खुद को तुम जनाब,
वक्त खुद चीख कर कहता है!
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