
विश्वास और प्रेम में …
एक समानता है दोनों में से कोई भी
“जबरदस्ती”
पैदा नहीं किया जा सकता….!!
Vishwas Aur Prem Main…
Ek Samanta Hai… Dono Main Se Koi Bhi
“Jabarjasti”
Paida Nahi Kiya Jaa Sakta…!!
*विश्वास*
कोई भी रिश्ता शर्तों के आधार पर कायम नहीं किया जा सकता है!
विश्वास और समर्पण होना बेहद जरूरी है !
अच्छे रिश्ते और संबंध एक-दूसरे को आजादी नहीं छीनते
बल्की एक दूसरे को आजादी देते हैं !
यदि एक साथी आपकी भावनाओं को शेयर करना चाहता है
दूसरे का फर्ज है कि वह उनका आदर और सम्मान करें!!!😊😊😊😊
सुनाे…बेवजह छाेड़ ड़रना एै-मुसाफिऱ
फिर खुशनुमा जिन्दगी का हर सफर लगेगा !
हाैसला साथ रख एवं विश्वास खुद़पर
जीत या फिर बेहतरीन तुझे अनुभव मिलेगा !!
देखो ये विश्वास न टूटे
रबको अपना अब बना के ही रहना है
देखो कभी हमसे खुदा ना रूठे
हम अभी तो मिल रहे है
देखो कभी हमारा साथ न छूटे—
“विश्वास” वो अमोध शक्ति है,
जिससे अंधकार से भरी दुनिया में
भी उजाला लाया जा सकता है!!