उस जगह हमेशा खामोश रहना
जहाॅं दो कोड़ी के लोग,
अपनी हैसियत के गुण गाते है…
Us Jagah Hamesha Khamosh Rehna
Jahan Do Kondi Ke Log..
Apni Haisiyat Ke Gun Gate Hai..!!
हैसियत का कभी़ गुमान न करो,
उड़ान ज़मीन से शुरू और
ज़मीन पर ही खत्म होती है!
अहमियत हैसियत को मिलती है,
और हम जज्बात लिए फिरते हैं!
मेरी हैसियत से ज्यादा
मेरी थाली में तूने परोसा है,
तु लाख मुश्किलें भी दे दे मालिक,
मुझे तुझपे भरोसा है!
हैसियत ही दिखाएंगें अब किसी दिन
तब आयेंगे कुछ लोग खैरियत पूछने किसी दिन!
मेरी हैसियत का अंदाजा
तुम क्या लगाओगे ज़माने वालों,
जहां तुम्हारी सोंच दम तोडती है,
वहां से मेरा जिक्र शुरू होता है,
तुम क्या, मिटाओगे किसी और के वजूद को,
सिर उठा के जीतें है वो जिनके साथ उनका रब होता है!
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