
आप कितने भी बार ईमानदार और सही क्यों ना हो,
लेकिन दुनियां आपकी एक गलती का इंजतार करती है!!
Aap Kitne Baar Bhi Imandar Aur Sahi Kyun Na Ho
Lekin Duniya Apki Ek Galti Ka Intjaar Karti Hai!
“बार बार गलती करके हम सीखते हैं।”
“क्या?”
“बार बार गलती करना।”
वो तो बरसात सी आयी थी
हर बूंद में जिंदगी संग लायी थी
पर उसका जाना तो तय था,
कमबख्त गलती तो हमारी है
उसके आने से रोशनी क्या मिली
हम उसे सूरज की किरणे समझ बैठे।
“क्या खोया क्या पाया”
हमें कभी समझ न आया,
ग़लत का फल ग़लत ही आया,
जिंदगी ने बस यही सिखाया।
महंगी चीजें गंदी क्यों होती हैं ये पता होता,
तो पापा में कभी गलती से भी जिद ना करता।
गलतियों का परिणाम ही है ये वक़्त तेरा..
वरना प्रमाण की जंग तो प्रिय थी तुझे !!
गलती, नादानी, समझदारी तू ही बता क्या है ये,
कि मैंने जहाँ छोड़ा तुम्हें तुम वही तक चले ।
जिस पल हम अपने
अकेलेपन पर तरस दिखाने लगते है,
कुछ शुरुआती हसीन पर
अंततोगत्वा तकलीफ देने वाली
गलतियों के शिकार हो जाते है !!
nice