“सुशांत ” जो तुमने पवित्र रिश्ता था बनाया
दर्शको का दिल जीत कर था दिखाया
उस धारवाहिक में क्या खूब किरदार था निभाया I
दिल को छू गया था वो साधारण सा
भोला सा लड़का, जो था पटना से आया I
बड़ी महानगरी मुंबई को देख कर
वह भी था मुस्कुराया,
अब दिल में राज करूँगा, इस नगरी के
सोच कर खूब था इठलाया
सच में सपने सच हुए उसके भी, जो कहा था
उसने, वो था अब कर दिखाया।
लोगो का क्या हे, आये गए ज़िन्दगी से
पर वो अपनी सफलता के पथ
पर नहीं डगमगाया।
अपनी पहली फिल्म ” काई पो छे ”
से था वो बड़े परदे पर छाया
यहीं से शुरुआत हुई थी उसकी
शुद्ध देसी रोमांस , डिटेक्टिव ब्योमकेश बक्शी!
M.S. धोनी, केदारनाथ जैसी बड़ी फिल्मो से
पुरे सिनेमा जगत में था अपनी
कलाकारी का सिक्का जमाया।
सब कुछ था तुम्हारे पास
दौलत, शोहरत, और नाम
सबको था तुम पर नाज़
पिता भी तो थे साथ तुम्हारे
तुम्हे था
माँ के जाने का ग़म,
नाम पर उनके हो जाती थी
तुम्हारी आँखे नम।
एक ही सवाल बार बार आता हैं ज़ेहन
में,आखिर
“सुशांत, तुम शांत क्यों हुए”
दिल में क्या, छुपाकर हस्ते थे तुम
चेहरे पर क्यों कोई गम न आने दिया,
क्यों नहीं बताया की
बहोत भीड़ हैं इस शहर में
पर फिर भी अकेला हूँ मैं,
बहोत शोर है
सितारों का मैला हैं
दोस्त भी हैं बहोत,
पर फिर भी कुछ कमी हैं
और अंदर से अकेला हूँ मैं
– कवयित्री –
रेणुका कपूर, दिल्ली
heart touching mam