सिर्फ पूजा-हवन से भगवान नहीं मिला करते,
भगवान की प्राप्ति के लिए मन में दयाभाव व
इंसानों के प्रति करूणा, विनम्रता भी होनी चाहिए!
Sirf Pooja Hawan Se Bhagwan Nahi Mila Karte,
Bhagwaan Ki Praprti Ke Liye Man Main…
Daya Bhav Va Insanon Ke Prati Karuna,
Vinamrta Bhi Honi Chahiye….
मज़हब की हदों को त्यागकर
इंसानियत को ही तवज्जो देनी चाहिए!
नियति आपको कदम-कदम पर परखेगी,
आप तभी जीत पाएंगे जब आप में
इंसानियत बाकी रहेगी!
धर्म के चश्मे से जो दिख रही है,
सुनहरी गुजरगाह
इंसानियत के तरीके से देखो
कत्लेआम दिखेगा!
सभ्य समाज की पहचान
मानवता से ही होती है,
ना कि आधुनिकता के नाम पर!
आज दुनिया में महान बनने की चाहत तो
हर एक में है, पर पहले इंसान बनना अक्सर
लोग भूल जाते हैं।