दूरियों का ग़म नहीं,
अगर फ़ासले दिलों में न हो…
नज़दीकियां बेकार है,
अगर जगह दिलों में ना हो…
कोई खाली नहीं है, भरे हुए हैं सभी…
कोई प्रेम से भरा है, कोई घृणा से
कोई स्मृतियों से तो कोई दु:ख से…
मैं अपने खि़लाफ बातें अक्सर ख़मोशी से सुनता हूँ,
जवाब देने का काम मैंने वक्त को दे रखा है…
एक बार भरोसा टूटने के बाद
रिश्ते में बात तो होती है, पर…
वो बात नहीं रहती…
जि़ंदगी में एक ही नियम रखों
सीधा बोलो, सच बोलो और मुंह पर बोलो,
जो अपने होंगे वो समझ जाएंगे और
जो नाम के होंगे वो दूर हो जाएंगे…
एक बुजुर्ग से मैंने पूछा…
आज के समय में सच्ची इज्ज़त किसकी होती है ?
बुजुर्ग ने जवाब दिया:- इज्ज़त किसी इंसान की नहीं होती,
ज़रूरत की होती है, ज़रूरत ख़त्म तो इज्ज़त ख़त्म
सब्र की एक बात बहुत अच्छी है,
जब आ जाता है तो
किसी की तलब नहीं रहती!
जितना बदल सकते थे खुद को बदल लिया,
अब जिसको शिकायत है, वो अपना रास्ता बदले!
खुद के पीछे हटने से
अगर सबका भला हो
तो पीछे हट जाना चाहिए…
अच्छा लगता है,
खामोश बैठकर किसी को
बहुत देर तक सोचना…