
स्वार्थ से रिश्ते बनाने की कितनी भी
कोशिश करोगे रिश्ते बनेगें नही और
प्यार से बने रिश्ते तोड़ने की कितनी भी
कोशिश करोगे तो भी रिश्ते टूटेगें नहीं!!
Swarth Se Rishte Banane Ki Kitni Bhi
Kosis Karoge Rishte Banenge Nahi
Aur Pyar Se Bane Rishte Todne Ki Kitni Bhi
Kosis Karoge To Bhi Rishte Tutenge Nahi!

कुछ रिश्ते है इसलिए चुप हूँ
कुछ चुप हूँ इसलिए रिश्ते है
वरना दिल मेरे पास भी है
और दर्द मुझे भी होता है…..
Kuch Rishte Hai Isliye Chup Hun,
Kuch Chup Hun, Isliye Rishte Hain,
Warna Dil Mere Pass Bhi Hai..
Aur Dard Mujhe Bhi Hota Hai!!
थोडा संभल कर चलना जी,
रिश्तों की कश्तियाँ अक्सर
गलतफहमियों के हलके झोकों से ही
डगमगा जाती है।
रिश्तों में एक नई गिरह लगा गए हो तुम
रौशनी के लिए हमको ही जला गए हो तुम
तमन्नाओं का कोई अंत नहीं इस जहाँ में
फिर भी नई कुछ तमन्नाएं जगा गए हो तुम
माना कि तुमको नहीं है मोहब्बत की आरज़ू
सूखी रेत को फिर क्यूँ नदी बना गए हो तुम
जब रहबर ही न रहा इस सफर में अब कोई
क्यों वीरान दिल में रास्ते बना गए हो तुम
ज़ाहिर है अब आशिकी की कीमत नही यहाँ
दर्दे दिल की कुछ कौड़ियाँ थमा गए हो तुम
कैसी अजीब दास्तां है रिश्तों की,
कभी एक सच हज़ारों झुठ पर
भारी पड जाता है,
तो कभी एक झूठ लाखों सच पर।
अपनों को उनके
अपनों से बिछड़ते हुए
देखने का दुख़ ज्यादा गहरा
और दर्दनाक होता है।