जिस तिरंगे को हम अपनी शान मानते हैं,
उसी तिरंगे को कई लोग अपनी जान मानते हैं।
आपको गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं!
कभी जलते धार्मिक-मार्मिक मुद्दों में,मैं भी जल जाता हूँ,
कभी कफन पर लिपटा मैं धरती में समा जाता हूँ,
कभी भ्रष्ट नेताओं के कारण कोड़ियों के भाव बिक जाता हूं,
यू ही नही मैं तिरंगा बन जाता हूं।
…..
कोई मुस्लिम हरा कपड़ा लाता हैं,
कोई हिन्दू भगवा रंग दिखता हैं,
कोई ईशा शांति रंग ले आये ,
तो कोई सिख उसपर अशोक बनाता हैं,
कभी रहीम सिलता है मुझे,
कभी श्याम द्वारा कढ़ा जाता हूं
यू ही नही मैं तिरंगा बन जाता हूं।
….
कभी कवियों द्वारा लिखा जाने वाला उनवान हूँ,
हर भारतीय की इकलौती शान हूँ,
साल भर किसी कोने में बंद रहता हूं अलमारियों के,
तो दो दिन की देशभक्ति के लिए बाहर भी आता हूँ,
यू ही नही मैं तिरंगा बन जाता हूं।
…..
शहीदों की मौत पर मिलने वाला चक्र हूँ,
समझ पाओ मेरी अहमियत तो देश का फक्र हूँ,
वीर,वियोग, रौद्र और श्रृंगार रस का अभिलाषी हूँ,
हर आज़ादी और लोकतांत्रिक युद्ध का निर्वाची हूँ,
….
वीरों की मौत झँकझोरती हैं मुझे,
उनकी माताएं,पत्नियां कोशती हैं मुझे,
सब शांति से सहकर ऊँचाइयों पर लहराता हूँ,
यू ही नही मैं तिरंगा बन जाता हूं,
यू ही नही मैं तिरंगा बन जाता हूं!!
भारत माँ के वीर वो बच्चे, दिल के कितने सच्चे हैं,
आजादी हीं उनका सपना है,हर भारतीय उनका अपना है।
बेटी-बहनों की इज्जत हीं उनका मान है,
हर औरत उनकी माँए हैं, हर लब्ज पर दुआँए हैं।
आजादी के दिवाने वो, देशभक्ति के परवाने वो,
अतुल्य भारत उनका सपना है, इस सपने में हर कोई उनका अपना है।
‘हिंदू-मुस्लिम, सिक्ख-ईसाई हमसब हैं भाई-भाई’,
यही उनका नारा है,
मरते दम तक ‘जय हिंद-जय भारत’,का जयकारा है।
Kanton m bhii phul khilayen..😌
Is dhrti ko swarag banyen..❤️
Aao sbko gale lgayen..😅
Hm Republic day mnayen.. 😁
पापा के जन्मदिन पर ना आने पर बेटा नम अक्शान लिए बैठा था,
पिता भी बेटे के जन्मदिन में जाने के आँखो में अरमाँ लिए बैठा था,
पर जन्मदिन का तोफा पकड़ता तो वो पकड़ता भी किन हाथों से,
वो सरहद पर अपने हाथों में हिन्दुस्तान लिए बैठा था।।
Kuch ish kadar wo mohabbat nibhati hai
Jish raat khabar nahi milti unki
Agley din wo v kajal nahi lagati hai !!!
Dedicated to all the brave wives
of Army officers !!! #Salute 🇮🇳
लोगों ने, महत्व हर रंग का समझया होगा
कुछ ने तो, तुझे सीने से भी लगाया होगा
बहाने, कुछ तेज़ तरार, सुने होंगे आज
क्यों कोई इतने दिन, तुझे भूल पाया होगा
आज तो बहुतों ने, पूछा होगा तुझे
मेरे प्यारे वतन, अपन कल बात करेंगे
कानों तक पहुंचे होंगे, नए वादे
पुराने लोगों के, नए इरादे
सुना होगा, नया भारत बनाना है
काफूर होंगे कल, ये सब साहबज़ादे
आज तो बहुतों ने, पूछा होगा तुझे
मेरे प्यारे वतन, अपन कल बात करेंगे
तीन रंगों में, हर मकान सजा होगा
तिरंगे से, आसमान सजा होगा
मयस्सर है जो, केवल ख्वाबों में
वैसा ही खूबसूरत, जहान सजा होगा
आज तो बहुतों ने, पूछा होगा तुझे
मेरे प्यारे वतन, अपन कल बात करेंगे
दिलों में देशप्रेम था
गलियों में आवाज था
बस एक ही तो दिन
देशप्रेम का जोश था
स्वच्छ जलवायु , स्वच्छ आकाश ,उर्जावान
पृथ्वी , भाईचारा और द्वेष भाव मुक्त भारत
हो यही हमारा उद्देश्य है भारत का स्वरूप
एक अद्भुत विकास के साथ तरक्की करता
जाये ,भारत को प्रखरता मिले ,सारे जहां में
अव्वल नम्बर पर भारत का नाम हो एसा भारत
देश हो मेरा जिसका हर एक मनुष्य एक दूजे
के दुख सुख को समझता हो और एक दूजे
के काम आये एसा भारत देश हो मेरा ..
Freedom has not come easy,
it is because of the sacrifices of
our freedom fighters,
so never take it for granted.
Happy Republic Day!
जकड़ पड़े थे जो पर ,
आज उसे उड़ाये हैं ।
तिरंगा तेरी शान देख ,
हम भी मुस्कराये हैं ।
पता नही क्यों…
ये एक दिन की देशभक्ति हमसे नही होती…
चाहत तो होती है वतन पर मर मिटने की…
बस ये एक दिन की मोहब्बत हमसे नही होती…!!
फिर भी…
गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं…
वो धूप में खड़ा – वो बारिश से लड़ा
वो इच्छाओं का गला घोट..
सरहद पर दोड पड़ा।
शत्रुओ के घेरो मे
रातों के अँधेरे में खड़ा…
वो विटप सा. अविचल, अडिग, अटल सा।
दुश्मनओ के आँगन भी
में खेली थी उसने लाल होली..
भारत माँ की एक पूकर पर
बिछादी उसने शहिदो की टोली।।
एक मारोंगे सौ खड़े हैं
देश की रक्षा के लिए ये सरहद पर डटे हैं..
बिना कुछ सोचे करते
निछावर ये अपनी जान है
ऐसे ही तो हमारे देख के वीर जवान हैं।।
जब अपना हक मांगते हो,
तब ये याद रखना,
26 जनवरी 1950 याद रखना,
जब चाहो तब , जहां चाहो वहां घूम आते हो,
मुंह उठाए कहीं भी चले जाते हो,
इस आजादी को याद रखना,
26 जनवरी 1950 याद रखना,
गर्व से अलग – अलग जात बताते हो,
धर्म कोई- सा भी हो साथ बैठ पाते हो,
बेझिझक किसी से भी बोल पाते हो,
पढ़ने असेम्बली में नहीं स्कूल जाते हो,
लड़का,लड़की का भेद मिटाते हो
इस आजादी को याद रखना,
26 जनवरी 1950 याद रखना,
एक अंगुली से सरकार बना भारत चलाते हो,
धर्म कोई – सा भी हो अधिकारी बन पाते हो,
अपनी जमीन को अपना कह पाते हो,
इसकी वजह याद रखना,
26 जनवरी 1950 याद रखना,
गुलामी नहीं गर्व से काम करने जाते हो,
अपनी मेहनत का फल पाते हो,
चैन से सो पाते हो,
इसकी वजह याद रखना,
26 जनवरी 1950 याद रखना,
एक गुजारिश है मेरी,
कि मुंह में पड़ा गुटका , सड़क पे थूकने से पहले
लालच में हरे भरे पेड़ो को काटने से पहले,
यूहीं गंदगी फैलाने से पहले,
इस हवा को धुएं से गंदा करने से पहले ,
वीरो के खून से लिखा संविधान याद रखना
26 जनवरी 1950 याद रखना।
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