मैं अब सुपुर्दे ख़ाक हूँ मुझको जलाना छोड़ दे,
कब्र पर मेरी तू उसके साथ आना छोड़ दे,
हो सके गर तू खुशी से अश्क पीना सीख ले,
या तू आँखों में अपनी काजल लगाना छोड़ दे!
Mein Ab Supurde Khak Hun Mujhko Jalana Chhod De,
Qabar Par Meri Tu Uske Sath Aana Chhod De,
Ho Sake Gar Tu Khushi Se Asq Peena Sikh Le,
Ya Tu Aankh Main Apni Kajal Lagana Chhod De