एक देश के रूपांतरण के लिए ज्ञानोदय की जरूरत नहीं है
बस थोड़ी सी समझदारी और अपने आसपास रहने वाले
हर इंसान के प्रति प्रेम की जरूरत है।
तनाव किसी खास परिस्थिति के कारण नहीं देता
ये आपके खुद के सिस्टम को न संभाल पाने के कारण होता हैं।
दूसरों से आशाएं होने का मतलब है कि
आप उनकी ज़िन्दगी ठीक करने की कोशिश कर रहे हैं।
ऐसा न करें। अपना खुद का जीवन ठीक करें यही आज़ादी है।
मुझे समझ नहीं आता कि
लोग अपने दिमाग को
नियंत्रित क्यों करना चाहते हैं।
मैं चाहता हूँ कि वे अपने दिमाग को
आज़ाद कर दें।
अगर आपकी जब बुद्धि असीमित है
तो सब कुछ आपके पहुंच में होगा।
जैसे फूल के लिए सुगंध होती है,
वैसे ही इंसान के लिए प्रेम होता है।
आत्मज्ञान का अर्थ है
जीवन के एक नए आयाम में प्रवेश करना।
यह भौतिकता से परे का आयाम है।
एक इन्सान के रूप में,
आपको ये नहीं सोचना चाहिए कि
जीवन आपको कहाँ ले जायेगा.
आपको सिर्फ ये सोचना चाहिए की
आप उसे कहाँ ले जाना चाहते हैं।
चाहे वह आपका शरीर हो,
आपका मन हो, या फिर आपकी जीवन ऊर्जा हो
आप इनका जितना ज्यादा इस्तेमाल करते हैं,
ये उतने ही बेहतर होते जाते हैं।
बहुत अधिक प्राप्त कर लेने जैसी कोई चीज नहीं है।
जीवन कभी न ख़त्म होने वाली सम्भावना है।
यदि आपका शरीर अच्छा महसूस करता है
तो हम उसे सेहत कहते है।
यदि वह बहुत अच्छा महसूस करता है
तो उसे सुख कहते है।
अगर आपका मन सुख में हो जाये
तो इसे शांति कहते है।
यदि वह बहुत ख़ुश हो जाय तो
उसे हम ख़ुशी कहते है।
अगर आपकी भावनाये मधुर हो जाय
तो इसे प्यार कहते है।
अगर वह बहुत मधुर हो जाय
तो उसे करुणा कहते है।
यदि आपकी जीवन ऊर्जा ही सुखद हो जाय
तो उसे हम आनंद कहते है।
अगर यह बहुत सुखद हो जाय
तो इसे परमानन्द कहते है।
अगर आसपास का माहौल सुखद हो जाय
तो इसे सफलता कहते है।
अतीत और भविष्य का अस्तित्व
सिर्फ आपकी याददाश्त और कल्पना में है।
जो अब इस पल में है, यही एकमात्र चीज है,
जिसका आप अनुभव करते हैं।
आवश्यक जागरुकता के बिना
स्वतंत्रता खतरनाक है।
शब्द और उनके अर्थ सिर्फ
इन्सान के दिमाग में मौजूद होते हैं,
पर ध्वनी की मौजूदगी अस्तित्व के स्तर पर हैं।
अगर आप अपनी लाइफ उन चीजों में नहीं लगाते
जिनकी आप सचमुच फ़िक्र करते हैं
तो आपकी लाइफ बर्वाद हो जायेगी।
आप उड़ेंगे नहीं आप लाइफ में बस खुद को घसीटेंगे।