पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय! दोहा अर्थ सहित

Pothi Padh Padh Jag Mua Doha With Meaning in Hindi
Pothi Padh Padh Jag Mua Doha With Meaning in Hindi

पोथी पढ़ि पढ़ि जग मुआ, पंडित भया न कोय ।
ढाई आखर प्रेम का, पढ़े सो पंडित होय ।।

Pothi Padh Padh Jag Mua Pandit Bhaya Na Koi !
Dhai Aakhar Prem Ke, Jo Padhe so Pandit Hoye !!

अर्थात्ः- बड़ी बड़ी किताबे पढ़कर संसार में कितने ही लोग
मृत्यु के द्वार पहुंच गए, पर सभी विद्वान न हो सके। कबीर मानते हैं
कि यदि कोई प्रेम या प्यार के केवल ढाई अक्षर ही अच्छी तरह पढ़ ले।
अर्थात प्यार का वास्तविक रूप पहचान ले तो वही सच्चा ज्ञानी होगा।


Kabir Das Ke Motivational Dohe in Hindi With Meaning
Kabir Das Ke Motivational Dohe in Hindi With Meaning

धीरे-धीरे रे मना, धीरे सब कुछ होय।
माली सींचे सौ घड़ा, ऋतु आए फल होय।

अर्थ- मन में धीरज रखने से सब कुछ होता है,
अगर कोई माली किसी पेड़ को सौ घड़े पानी से
सींचने लगे तब भी फल तो ऋतु आने पर ही लगेगा!


Vinamrata Kabir Das Ke Dohe With Meaning Quotes in Hindi
Vinamrata Kabir Das Ke Dohe With Meaning Quotes in Hindi

कबीर नवै सो आपको, पर को नवै न कोय।
घालि तराजू तौलिए, नवै सो भारी होय।।

कबीर कहते हैं, कोई व्यक्ति शील और विनम्रता के गुणों के साथ
किसी के सामने झुकता है तो उसी का आदर होता है।
जैसे तराजू को जो पलड़ा नीचे झुक जाता है, वही वजनी कहलाता है।

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