पेट की भूख ने जिंदगी के,
हर एक रंग दिखा दिए…!!
जो अपना बोझ उठा ना पाये,
पेट की भूख ने पत्थर उठवा दिए…!!
Pet Ki Bhookh Ne Zindagi Ke,
Har Ek Rang Dikha Diye…
Jo Apna Boojh Utha Na Paye,
Pet Ki Bhukh Ne Patthar Uthwa Diye!!
भूख सारी मर्यादाएं तोड़ देती है,
और पैसा सारी इंसानियत!
वो राम की खिचड़ी भी खाता है,
वो रहीम की खीर भी खाता है,
वो भूखा है जनाब
उसे कहॉं मजहब समझ आता है!
भूख को समझने के लिए
भूखा रहना पड़ता है
रहे हो कभी?
भूख ने निचोडकर रख दिया है
जिन्हें साहब, कैसे गुजारी है रात
ये ना पूछो तो अच्छा है!
छोटी सी उम्र में बड़े तजुर्बे करवा दिये,
पेट की भूख ने सैकड़ो, हुनर सिखा दिये!
तस्वीर में बाप और बच्ची के बीच में
जो लकड़ी है ना उसे ही भूख कहते हैं!
दुख का दरिया, शर्म का समंदर होता है,
सबसे खौफनाक भूख का मंजर होता है!
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