रिश्तों की बगिया में एक रिश्ता नीम के पेड़ जैसा भी रखना,
जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर तकलीफ में मरहम भी बनता है…
Riston Ki Bagiya Main
Ek Rishta Neem Ke Ped Jaisa Bhi Rakhna,
Jo Sikh Bhale He Kadvi Deta Ho Par
Taqleef Main Marham Bhi Banta Hai!
मुलाकातें जरूरी हैं अगर रिश्ते निभाने हैं
वरना लगाकर भूल जाने से तो पौधे भी सूख जाते हैं।
रिश्ते कभी भी कुदरती मौत नहीं मरते,
इनको हमेशा इंसान ही कत्ल करता है,
नफरत से, नजरअंदाजी से तो कभी गलतफहमी से।
नये नये रिश्ते नये पौधे जैसे होते हैं,
जरा, ध्यान नहीं दिया तो मर जाते हैं
हां एक बार जडें जमा ली तो जीवन भर
प्रेम की छाया देते हैं।