Navratri Ki Shubhkamna Sandesh in Hindi Font With Images
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पग-पग में आपके फूल खिलें;
ख़ुशी आप सबको इतनी मिले;
कभी ना हो दुखों का सामना;
यही है आपको हमारी तरफ से नवरात्रि की शुभकामना।
हाथ दोनों जोड़ दर पे, मां कर रहा फरियाद हूं ।
इक आख़िरी हो आस तुम ही, तुम्हें कर रहा मैं याद हूं ।।
ये कैसा समां है आजकल, दुनिया तेरी ये रो रही ।
नवरात्रि में मिटा दो ना तुम, महामारी जो है चल रही ।।
Happy Navratri
तुम्ही दुर्गा, तुम्ही लक्ष्मी, तुम्ही महाकाली हो,
इस सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन करने वाली हो,
शुम्भ,निशुम्भ मारे तुमने रक्तबीज संहारे है,
विक्राल रूप अपना धरकर महिसासुर भी उद्धारे हैं,
आज सम्स्त सृष्टि पाप के बोझ तले चीख रही है,
हे काली खप्पर भर लो,आस बस तेरी दीख रही है..!
![Navratri Ki Shubhkamna Sandesh for Friends in Hindi Navratri Ki Shubhkamna Sandesh for Friends in Hindi](https://smileworld.in/wp-content/uploads/2020/09/Navratri-Ki-Shubhkamna-Sandesh-for-Friends-in-Hindi.jpg)
हम पर अपनी कृपा बरसाओ माँ
एक बार फिर दर अपने बुलाओ माँ ।
जयकारे फिर गूंजे, बजे ढोल मंजीरे,
विपदा बड़ी है, चमत्कार दिखाओ माँ
तेरी शक्ति अपरंपार, तू जीवनदायिनी,
अपने आँचल में हमको छुपाओ माँ ।
करके सिंह सवारी, धरती पर आओ माँ
तेरी जय जय कार करें हम,
आपदा से बचाओ माँ ।
हाथ कमल और जप की माला,
गोद में जिसके शिव के लल्ला,
स्कन्द की माता,हे चेतना दाता,
कमल आसन,चतुर्हस्त माता,
जय शिव संगिनी स्कन्दमाता ।
Happy Navratri
कुछ तो किया होगा,
जो ये हालात बन गए,
किसी का तो घोसला उजड़ा है,
जो हम हैवान बन गए,
वरना माँ कहाँ
गोद अपनी बंज़र कर जाती है
अपनी ही पूतो के खून से
अपनी प्यास बुझती है
जागा महिषा, है ज़रूर, फिदरत में अपनी
चंडी, युही धड़ अलग नही कर जाती है
मधुमास महीने में जो तूने दर्शन दिए हैं
देख तेरी छब को हम मनमोहित हुए हैं
सिर पे सूरज सुहाए हाथों में कमंडल उठाए
तेरी मुस्कान से मां कूष्मांडा भूमंडल मुस्काए
जल के अग्नि में तूने जो काया जलाई
महादेव से अपनी पावन प्रीत निभाई
हिमालय पर्वत के घर तू पार्वती बन आईं
कभी दुर्गा कभी काली कभी सती मां कहलाई
धाम की सूरज की किरणे तूने धरती पर बरसाई
तुझे मेरा बारम्बार प्रणाम हे मां माहामाई
मधुमास महीने में जो तूने दर्शन दिए हैं
देख तेरी छब को हम मनमोहित हुए हैं
Happy Navratri
तुम्ही दुर्गा, तुम्ही लक्ष्मी, तुम्ही महाकाली हो,
इस सम्पूर्ण सृष्टि का संचालन करने वाली हो,
शुम्भ,निशुम्भ मारे तुमने रक्तबीज संहारे है,
विक्राल रूप अपना धरकर महिसासुर भी उद्धारे हैं,
आज सम्स्त सृष्टि पाप के बोझ तले चीख रही है,
हे काली खप्पर भर लो, आस बस तेरी दीख रही है..!
हाथ दोनों जोड़ दर पे, मां कर रहा फरियाद हूं ।
इक आख़िरी हो आस तुम ही, तुम्हें कर रहा मैं याद हूं ।।
ये कैसा समां है आजकल, दुनिया तेरी ये रो रही ।
नवरात्रि में मिटा दो ना तुम, महामारी जो है चल रही ।।
वर्णों को रचने वाली,
१०८ नामो वाली।
श्री मंगला भद्रकाली दुखो को हरने वाली।
पापो का नाश करने वाली शक्ति दो मां कालिका काली।
चंड – मुंड विनाशिनी,
हैं!! महिषासुर घातिनी।
रक्षम रक्षम रक्षा करो मां रक्षा – रक्षा रक्षा करो मां खप्पर वाली।
Happy Navratri