
ना दूर हमसे जाया करों, दिल तड़प जाता है,
आपके ख्यालों में ही हमारा दिन गुजर जाता है,
पूछता है यह दिल एक सवाल आपसे…
क्या दूर रहकर भी आपको हमारा ख्याल आता है?
Na Door Humse Jaya Karo, Dil Tadap Jata Hai,
Aapke Khayal Mein He Humara Din Guzar Jata Hai,
Puchta Hai Yah Dil Ek Sawal Aapse…
Kya Door Rahkar Bhi Aapko Humara Khayal Aata Hai?
सोचता हूँ कि दुनिया से दूरी बना लूँ,
ख्वाबों के मका ढह गए,
लिखे थे किनारे उनके नाम वो भी बह गए है,
बेखुदी को खुद की मजबूरी बना लूँ,
सोचता हूँ कि अब दुनिया से दूरी बना लूँ,
सफ़र में जाना है पर न जाने किसके वास्ते
चल भी पड़ा हूँ पर कहां है वो रास्ते,
इसी भँवर को मन की मंजूरी बना लूँ,
सोचता हूँ कि दुनिया से दूरी बना लूँ
जिंदगी में हर किसी से बस दूरी ही ठीक हैं….
दुनियाँ का भी क्या दस्तूर हैं जो दिल के करीब वही दर्द की वजह हैं,
इस दिल को ही खत्म कर डालो,
नहीं कोई करीब न किसी से लगाव होगा,
हर कोई तुमसे फिर दूर ही होगा, बहुत सह दर्द अब बर्दास नहीं होता,
अकेले आये, अकेले थे अकेले ही ठीक रहेगे,
दो पल के रिश्ते के लिए, कभी खुद को और तकलीफ़ अब नहीं देंगे…
शौक से जाओ सब, अब हमसे भी उम्मीद मत रखना कोई, अरे हम तो पहले से टूटे हुए से,
किसी के साथ फिर से जीने लगे थे रिश्ते कोई नी निभाते, इसलिए हम किसी से रिश्ता नही बनाते थे,
फिर आपने नाम दिया दोस्ती का जबकि हमें दोस्ती पर भी विश्वास नही था,
तुम्हारी बाते कुछ अलग लगी तो हम बहुत कुछ समझ बैठे,
पर अब चाहते हैं इस दोस्ती को बीच में मत लाओ बस चुपचाप अपनी दुनियाँ में जीते जाओ,
नही हम तुम्हारे ज़ख्म भर सकेंगे, नही तुम हमारे, साथ रहे तो और भी गहरे ज़ख्म मिलते जायेंगे,
अब और हिम्मत नहीं बची मुझ में एक दिन ये साँसे भी निकल जायेगी,
बस दूरी ही सबसे ठीक हैं वरना बहुत जल्द मौत भी मुझको छू जायेगी…।।