बदलते चेहरों को देखकर,
न बदलो तुम अपना चेहरा।
Badalte Chehre Ko Dekhkar,
Na Badlo Tum Apna Chehra!!
यूँ जो आईना देखते हो
और कहते हो कि कोई देख ना ले तुम्हें,
तो सुन लो यहां आईने में भी एक आईना छुपा है …।
कुछ लोग भी जाने क्या कमाल किया करते है,
बिन बोले ही चेहरे से बस काम किया करते है।
आँखों में रख लो बसाकर चेहरा मेरा,
नींदों से जग लो देखकर सपना मेरा,
तुम्हारे सामने क्यूँ गूंगा सा हो जाता हूँ,
आँखों से समझ लो सारा कहना मेरा…
आओ कुछ चेहरे बेनकाब करते है ।
कुछ तुम यार करो, कुछ हम यार करते है।
Aao Kuch Chehre Benaqaab Karte Hain,
Kuch Tum Yaar Karo, Kuch Hum Yaar Karte Hain!
कि जैसे डाक में डाली
हुई चिट्ठी पहुंचती है,
बसेगा दिल में ये चेहरा
इसे तुम आंख में रख लो!
सुना है उनको हमारा चेहरा भी याद नही है।
जिनकी यादों की गोद में सर रखकर हम आज भी सोते हैं।
ज़र्द.. जब चेहरे हो जाए
पत्थर.. जब पत्ते हो जाए
यक़ीनन ये….
इति है.. विश्वास की
पराकाष्ठा है.. उन्स की