
मेरी हंसी में भी कई गम छिपे है
डरता हूँ बताने से…
कही सबका प्यार से भरोसा न उठ जाये!!
Meri Hasi Mein Bhi Kai Gum Chipe Hai
Darta Hun Batane Se…
Kahi Sabka Pyar Se Bharosha Na Uth Jaye!!
तुझे खोने का गम अब इतना ज्यादा नहीं,
तू ख्वाहिश थी, मेरी जरूरत नहीं!
जिंदगी में कितने गम हैं
तभी तो सबकी आँखें नम हैं।
चाहता तो हूँ कि बदल दूँ इस गम को खुशियों में
पर जितनी भी कोशिश कर लूँ, कम है।।
तब तक मैं अपना हर फ़र्ज़ निभाउंगी।।
मैं अपना धर्म निभाउंगी
ना आने दूँगी तुम्हारी ज़िन्दगी में
मुसीबत कभी ।।
ना आने दूँगी गम का तूफान कभी
तुम्हारी खुशी के लिए हर
गम खुशी से सह जाउंगी।
मगर तुम्हारा साथ निभाउंगी
जब तक ये ज़िन्दगी चलती है
जब तक साँसे चलती हैं
उम्र गुज़र जाती है इन्हें समझने में
खुशी और गम दोनों हमशक्ल जो होते है
“गम लिखूँ या किस्मत में दर्द की सजा लिखूँ…
सबने तो लिखी शायरी, क्यूँ ना मैं दवा लिखूँ…
💕💕💕