मनुष्य अपने विश्वास से निर्मित होता है,
जैसा वो विश्वास करता है, वैसा वो बन जाता है!!
Manushya Apne Vishwas Se Nirmit Hota Hai
Jaisa Wo Vishwas Karta Hai Waisa Wo Ban Jata Hai
कोई हम पर विश्वास करता हैं तो इसका मतलब है
हम उनके नजरों में गुणवान संस्कारित और
सिद्धार्थवान है!
और हम विश्वास तोड़ते हैं तो हम उनके नजरों से
गिर जाते हैं हमारे व्यकित्व और चरित्र पर सवाल
खड़ा हो जाता है!
अर्थात:- विश्वास तोड़ना नही बनाना सिखों
कोई हम पर आँख बंद करके विश्वास करें
यह हमारा सौभाग्य है।
अपनों का ये साथ ना छूटे
वादों को पूरा करने का,
ये खूबसूरत एहसास ना छूटे
देखो , ये विश्वास न टूटे
रिश्तो को साथ में जीने का
अरसो के बाद भी मिलने का
उम्मीदों का ये संग ना छूटे
देखो ,ये विश्वास ना टूटे
रिश्तो का ये डोर ना छूटे।
सुनों… माना राही कि तरह हम
भटक रहें हैं, अब तक एै-जिन्दगी.!
मगर… याद रखना बात, खोज
लुंगी एक दिन जरुर मैं मंजिल मेरी.!!
शक़ का कौआ उसी घोंसले में चोंच मारता हैं
जिसमें विश्वास के तिनकों की कमी होगी।
बहुत विश्वास था मेरी निगाहों में मगर उसने!!!
जो फेंकी धूल तो ,आंखे हमारी साफ कर डाली।
अफवाहों में विश्वास करके ग़लत इल्जाम लगा रहे हो,
सोचो तो सहीं झूठा बनाकर, तुम हमें खोते जा रहे हो।