बातों से बात नहीं बनती,
कुछ अमल भी कमाना पड़ता है!!
सिर का झुक जाना काफी नहीं,
मन को भी झुकाना पड़ता है!!
Baaton Se Baat Nahi Banti,
Kuch Amal Bhi Kamana Padta Hai,
Sir Ka Jhuk Jana Kafi Nahi,
Man Ko Bhi Jhukana Padta Hai…!!
कुए में उतरने वाली बाल्टी
यदि झुकती है तो
भर कर बाहर आती है
जीवन का भी यहीं गणित है,
जो झुकता है वह प्राप्त करता है
दादागीरी तो हम मरने के बाद भी करेंगे,
लोग पैदल चलेंगे और हम कंधों पर!
जो झुकना जानता है,
दुनिया उसे उठाती है,
जो केवल अकड़ना जानता है,
दुनिया उसे उखाड़ फेंकती है!
गुरूर में इंसान को कभी इंसान नहीं दिखता
जैसे छत पर चढ़ जाओ तो
अपना ही मकान नहीं दिखता।!
सेवा करते समय यह स्मरण रहे कि
करने कराने वाले एक हरे माधव प्रभु है
आप सदैव विनम्र बन कर रहें!
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