
मैं गिरूंगा तुम्हें उठाना पड़ेगा
उठा कर जिगर से लगाना पड़ेगा
मैंने माना मैं नहीं हूॅ तेरे काबिल
मुझे अपने काबिल बनना पड़ेगा
Main Giruga Tumhe Uthana Padega
Utha Kar Jigar Se Lagana Padega
Meine Mana Main Nahi Hun Tere Kabil
Mujhe Apne Kabil Banna Padega….. ~ Sentimental Emotional Shayari
तेरी तस्वीर लिये हाथों मैं
खुद को निहार रहा हूँ,
तेरी ज़ुल्फे देख कर मैं,
खुद कि ज़ुल्फे सवार रहा हूँ,
कही पड़ ना जाऊ फीका तेरे आगे,
कै मैं इत्र से भी खुशबू मांग उधार रहा हूँ..!!!
तेरी यादें मुझमें यूँ बिखरी हैं
जैसे प्रकृति में हवा
मैं…. अक्सर ही किसी एक याद को
तितली सा हौले से पकड़ लेती हूँ ….
कुछ देर ठहरकर उड़ जाती है हाथ छुड़ाकर
आसमाँ में … बिल्कुल तेरी फितरत की तरह
लेकिन… छोड़ जाती है मेरी उंगली पर
तेरे कुछ रंग तब मैं मन के कागज पर
उंगली छाप कर लिख देती हूँ
रंगबिरंगी कोई कविता कोई गज़ल
हर रात… फिर सैकड़ों बार पढ़ कर
मसूसस करती हूँ तुझे और
महकती रहती हूँ दिन भर….।
नाराज़गी की अब हद हो गई
दूरियाँ भी देखो बेहद हो गई
आओ मिटा डाले मिलके हम
बीच हमारे जो सरहद हो गई
गले मिल जाना ही हल है इक
नाकाम सब जद्दोजहद हो गई
फीकी थी ज़िन्दगी उनके बिन
वो लबों से लगी, शहद हो गई