दिल के तार जुड़ गए हैं उससे
बेवफाई ना होगी मुझसे
माँ तूझे सलाम
तू मस्तक पर विराजे
यही हैं मेरी शान
तिरंगा मिले कफन में मुझे
यही उपहार होगा तेरा
हर जीवन तेरे आँचल में खिले
यही अरमान होगा मेरा
न पाल हिन्दू मुस्लिम का बैर
मेरी माँ के प्यार को न बना इतना गैर
उसके दिल में सभी समान हैं
सब मिलकर रहे इसी में उसकी शान हैं
भारतीय राष्ट्रीय ध्वज इतिहास
भारत के राष्ट्रीय चिन्ह और उनका अर्थ
राष्ट्रमंडल दिवस क्या है व कब मनाया जाता है
भारत के राष्ट्रीय पर्व और उनका महत्त्व
खूबसूरती ऐसी हैं मेरे वतन की
शान हैं दिल में तिरंगे की
जिन्दगी से इतना प्यार न रह गया
भारत माँ का दुलार ही जीवन बन गया
सीमा पर लोग मरते हैं
वो खुशनसीब अमर हो जाते हैं
मेरी बदकिस्मती हैं ये
हम आम जिन्दगी जिए चले जाते हैं
उसकी भक्ति में ही सुकून हैं
ऐ भारत माँ क्या तूझे मेरा मस्तक कुबूल हैं
चलो कुछ अच्छा करते हैं..!
अपना देश सच्चा करते हैं,
भारत माँ को नमन करते हैं,
चलो कुछ अच्छा करते हैं..!
भगवा हर घर में करते हैं,
निवेदन शान्ति का करते हैं,
चलो कुछ अच्छा करते हैं..!
आज़ादी की इज्ज़त करते हैं,
वीरों का सम्मान करते हैं,
चलो कुछ अच्छा करते हैं..!
देश को प्रणाम करते हैं..!
यहाँ जन्नत का नज़ारा हैं,
यहाँ बहती प्रेम की धारा हैं..
ये हिन्दुस्तान हमारा हैं..
जय हिंद
राष्ट्रीय त्योहार गणतंत्र दिवस की अग्रिम हार्दिक शुभकामनाए ।
Best wishes in advance for
the national festival Republic Day.
ख़ुदा करे कुछ ऐसा,
की सारा देश एक ज़ुबानी हो।
न कोई हिन्दू न कोई मुस्लिम,
हर कोई बस हिंदुस्तानी हो।🇮🇳
🙏जय हिंद जय भारत🙏
🇮🇳HAPPY REPUBLIC DAY🇮🇳
Tairna Hai to samander mei tereo
Nadi naalo me kya rakha Hai
pyar karna hai to vatan se Karo
in gore gore galo☺️ me kya rakha Hai…
ए भारत मां तुझ पर मैं कुर्बान जाऊ,
तमन्ना है मेरी,
कि मैं हर जनम में तेरी ही गोद पाऊं।
भरत का भारत हरिश्चन्द्र का भारत,
राम का भारत कृष्ण का भारत ,
बुद्ध का भारत अशोक का भारत,
पृथ्वी का भारत लक्ष्मी का भारत,
भगत का भारत सुभाष का भारत,
दया धर्म कर्म बलिदान का भारत,
चाणक्य और चंद्रगुप्त का भारत ।
सोने की चिड़िया नही,
हीरे सा चमकाओ उनका भारत ।।
सुबह उठा तो था हर साल की तरह जल्दी,
छब्बीस जनवरी है आज कौन भूल सकता है।
साल के दो ही तो ऐसे दिन हैं
जब हमें देश प्रेम याद आता है,
भले ही मैं जानता नहीं इन दो दिनों का महत्व
परंतु एक तिरंगे की तस्वीर भेज ही देता हूँ
अपने मित्रों को। भले ही मतलब समझ नहीं आता
लेकिन गाता हूँ कि मज़हब नहीं सिखाता,
आपस में बैर रखना, फिर भी मैं हर साल मनाता हूँ।
स्वतंत्र हूँ, देश भक्त हूँ, निरपेक्ष रहकर भी
मैं देश से केवल अपेक्षा करता हूँ
कि कब मैं पढ़ लिखकर कुछ कमा सकूं
और आयकर को कैसे बचा सकूं।
यह रास्ता मेरे पिता का नहीं है
मगर मेरे पसीने की बूंदों से इसकी मिट्टी सनी है,
कहीं कोई गरीब भूखा सो गया है
मगर मुझे गर्व है कि मेरा देश धनी है।
सिगनल पे खड़ी कार पे एक बच्ची दस्तक देती है.
“आंटी, तिरंगा ले लो”
“कितने का है?”
“पाँच रुपये का एक”, झंडा आगे करते हुए वह बच्ची बोली.
“नहीं नहीं तीन रुपये का लगाओ. इसका साइज़ भी छोटा है,
इस तिरंगे की कीमत तीन रुपये से ज़्यादा नहीं होगी”
लड़की हैरान आँखों से उस औरत को देखती है और जवाब देती है, “आंटी जी !!
पाँच रुपये जो हैं वो मेरी मेहनत और उस काग़ज़ के हैं
जिसपे तिरंगा बना है, पाँच रुपये तिरंगे की कीमत नहीं है.
देश के झंडे की कोई कीमत नहीं होती, देश का झंडा अनमोल है”
उस दिन वह आंटी तिरंगे के साथ साथ एक ज़रूरी सबक भी अपने घर ले गयी !!
मान भी है अभिमान भी है
पवित्रा की पहचान भी हैं
पवित्र पावन माँ गँगा
लहू बहे या सिर कटे
बस जब तक जिंदा रहूँ
लहराता रहूँगा मेरे देश का तिरंगा
I didn’t went for public help;
Rather, I first made myself
free from taking others help!
सियाचिन के शेरों से लेकर चंचलता की मूरत का सिर्फ
एक ही नारा है, माँ हम रहें न रहें तेरे लिए मेरा रक्त भी बीज बन जायेगा ।।
यह तिरेंगे होंगे सलामी के लिए मेरे लिए तो उड़ता गुलाल
है जो दिल को रंग जायेगा , माँ हम रहे न रहे तेरे लिए मेरा रक्त भी बीज बन जायेगा ।।
बन्दगी ऐसी हे माँ तेरे से की जमीं से आसमान तक
तू कुछ भी अदा करदे मेरे कफ़न का रंग तिरेंगे के रंग मैं करदे ।
Teen rango ka ye jhanda,
bas Tiranga, ek Tiranga
Ye teen rang hume batate,
hume darshate, hume dikhlate
Jaha Kesarya humara hausla dikhlata,
wahi safed rang santi ka matlab samjhata,
hara rang v kuch keh jata,
badhte rehne ka paath padhata
Is Tirange ke khatir mar mit jayenge hum,
hum nhi jante ki kya kar jayenge hum,
par na girne denge ise hum,
na jhukne denge ise hum,
Sadaiwa ucha rahe ye jhanda,
jise kehte hai Tiranga