शिक्षक और सड़क दोनों एक जैसे होते हैं, खुद जहा है वही पर रहते हैं, पर दूसरों को उनकीं मंजिल तक पहुंचा ही देते हैं। Shikshak Aur Sadak Dono Ek Jaise Hote Hain, Khud Jahan Hai Wahi Par Rahte Hain, Par Dusron Ko Unki Manzil Tak Pahucha He Dete Hain!!
इंतजार कर उस राह का!!
इंतजार कर उस राह का जिस राह पर तेरी उम्मीद तेरे साथ खड़ी होगी उस राह के अंतिम छोर पर मंजिल भी तेरा बेशब्री से इंतजार कर रही होगी। Intjaar Kar Us Rah Ka Jis Rah Par, Teri Ummed Tere Sath Khadi Hogi, Us Rah Ke Antim Chhor Par Manzil Bhi Tera Besabri Se Intjaar…
Aaj Ka Vichar Quotes in Hindi !!
🌴आज का विचार🌴 स्नान तन को ध्यान मन को दान धन को योग जीवन को प्रार्थना आत्मा को व्रत स्वास्थ को क्षमा रिश्तो को और परोपकार किस्मत को शुद्ध कर देता है।। Aaj Ka VicharSnaan Tak Ko Dhyan Man Ko Yog Jeevan Ko, Prarthna Aatma Ko, Virat Suwastya Ko, Chama Rishton Ko Aur… Paropkar Kismat…
अपमान मत करना नारियों का!!
अपमान मत करना नारियों का, इनके बल पर जग चलता है। मर्द जन्म लेकर तो… इसी की गोद में पलता है। Apmaan Mat Karna Nariyo Ka, Enke Bal Par Jag Chalta Hai! Mard Janam Lekar To… Isi Ki God Mein Palta Hai!!
सबको सुखी रखना!!
सबको सुखी रखना बेशक हमारे हाथ में नहीं है, पर किसी को दुखी ना करें ये जरूर हमारे हाथ में है!! Sabko Sukhi Rakhna Beshak Hamare Hath Mein Nahi Hai, Par Kisi Ko Dukhi Na Kare Ye Jarur Humare Hath Mein Hai!
मैं निकला सुख की तलाश में !!
मैं निकला सुख की तलाश में रास्ते में खड़े दुखों ने कहा… हमें साथ लिए बिना… सुखों का पता नहीं मिलता जनाब… Mein Nikla Sukh Ki Talash Mein, Rashte Mein Khade Dukhon Ne Kaha… Humein Sath Liye Bina… Sukhon Ka Pata Nahi Milta…. Janab!
एक बूढ़ा लगभग रोज!!
एक बूढ़ा लगभग रोज अखबार की दुकान पर आकर कई अखबार उलट पलट कर देखता, एकाध खरीद भी लेता कभी। कई दिनों बाद दुकानदार ने पूछा, ” बाबा ,आप क्या खोजते हो रोज इन अखबारी पन्नों में? ” ” अपनी तस्वीर ” बूढ़े ने कहा! क्या आपने छपने को भेजी है कहीं ? नहीं ,पर…
संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं!!
उत्तम विचार जो इंसान अच्छे विचार और अच्छे संस्कारो को पकड़ लेता है फिर उसे हाथ में माला पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ती अकाल हो अगर अनाज का तब मानव मरता है किन्तु अकाल हो अगर संस्कारों का तो मानवता मरती है संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं और र्इमानदारी से बड़ी को विरासत नहीं।…
अपनेपन की अभिलाषा…!!
अपने ही अपनों से करते हैं अपनेपन की अभिलाषा… पर अपनों ने ही बदल रखी है, अपनेपन की परिभाषा… Apne He Apnon Se Karte Hain, Apnepan Ki Abhilasha… Par Apnon Ne He Badal Rakhi Hai, Apnepan Ki Paribhasha…
फैसले नही फासले हो जाते है!!
खुद से बहस करोगे तो सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे ! अगर दुसरो से करोगे तो और नये सवाल खड़े हो जायेंगे !! जब मनुष्य अपनी ग़लती का वक़ील और दूसरों की गलतियों का जज बन जाता है तो फैसले नही फासले हो जाते है!! Khud Se Bahas Karoge To, Sare Sawalon Ke Jawab…