लाकर थोड़ी सी खुशी अपने चेहरे पर,
हमने खुद को दूसरों से अलग बना लिया,
लोग ढूंढते रहे मुस्कुराने का कारण,
हमने दूसरों की खुशी को अपना बना लिया।
Laakar Thodi Si Khushi Apne Chehre Par,
Hamne Khud Ko Dusron Se Alag Bana Liya…
Log Dundte Rahe Muskurane Ka Karan,
Hamne Dusron Ki Khushi Ko Apna Bana Liya
तस्मिरें लेना चाहिए जनाब….
आइना चेहरा जरूर दिखाता है,
पर गुजरा हुआ लम्हा कहां….
मेरी दिल की गहराई को
कोई जान ना सका…
जो भी आया उसने सिर्फ
ये हंसता हुआ चेहरा देखा…
जाने कैसे रहता होगा वो
किसी और के साथ
जिसे हर चेहरे में
बस मैं नजर आती थी
चेहरा बदल रहा है आज कल इंसान का,
मुखौटो के पीछे छुपा है धर्म ईमान का…!!
रूप बदल रहा है लोगो की पहचान का,
धुंधली हो जाती है सूरत अगर आदमी नहीं लगा काम का…!!
बदल रहे रंग-रूप देख आईना भी हैरान है,
सुबह देखी शकल पे शाम को मिलता उसको अलग नाम है…!!
भ्रम और सूरत आज कल एकसमान हैं,
चेहरे पे चेहरा असल शकल आज कल गुमनाम है…!!
न जानें मेरे चेहरे में फर्क आया है,
या उनकी दोस्ती में ?
कुछ दोस्त आजकल पहचानते भी नहीं है….
ना स्याह काजल आँखों में
ना लाली का श्रंगार होता था…
दिखता था जो नूर मेरे चेहरे पे
वो तेरा ही प्यार होता था…