
क्रोध एक प्रचंड अग्नि है,
जो मनुष्य इस अग्नि को वश में कर सकता है
वह उसे बुझा देगा, जो मनुष्य अग्नि को वश में
नहीं कर सकता वह स्वयं अपने को जला लेगा!!
Krodh Ek Prchand Agni Hai,
Jo Manushya Is Agni Ko Vash Mein Kar Sakta Hai
Wah Use Bujha Dega, Jo Manushya Agni Ko Vash Mein
Nahi Kar Sakta Wah Swam Apne Aap Ko Jala Lega…!! ~ Gussa Quotes in Hindi
तैश, क्रोध, झुंझलाहट से
बनता कम और बिगड़ता ज़्यादा है..
बात तो तब बने जब
आवाज़ में नरमी हो और काम में फुर्ती..!!
मैं क्या जानूँ ज़माने की इनायतें
जब भी देखा है रंग बदलते देखा है
बच्चे बिलखते हैं भूख में सारी रात
साज़िशों की आग में इंसानियत का
चूल्हा जलते भी बहुत देखा है
प्रकाण्डता का ढोंग करते सायों को
हुक़ूमत का ताल ठोकते
शहंशाहों को देखा है
निर निरंकार
घोर अन्धकार
स्व के सीमा पार
श्मशान में शिव को विचरते देखा है
मैं क्या जानूँ ज़माने की इनायतें
जब भी देखा है रंग बदलते देखा है
अहँकार और क्रोध में चूर हूं मैं
इंसान हूं
बहुत ही क्रूर हूं मैं
माँ तुम्हारे क्रोध से भी प्रेम है,
क्योंकि तुम्हारे क्रोध में भी प्रेम है।