“कठोर किंतु सत्य”
👉🏽 माचिस किसी दूसरी चीज
को जलाने से पहले खुद
को जलाती हैं..!
*गुस्सा* भी एक माचिस की तरह है..!
यह दुसरो को बरबाद करने से पहले
खुद को बरबाद करता है…
Kathor Kintu Satya
Machis Kisi Dusri Chij Ko Jalane Se Pahle Khud Ko Jalati Hai,
Gussa Bhi Ek Machis Ki Tarah Hai,
Yah Dusron Ko Barbad Karne Se Pahile
Khud Ko Barbad Karta Hai…
👉🏽 आज का कठोर व कङवा सत्य !!
चार *रिश्तेदार* एक दिशा में
तब ही चलते हैं ,
जब पांचवा कंधे पर हो…
Aaj Ka Kathor Va Kadwa Satya!!
Char “Rishtedar” Ek Disha Mein
Tab He Chalte Hain,
Jab Panchwa Kandhe Par Ho…
👉🏽 रिश्तों की बगिया में एक *रिश्ता* नीम के पेड़ जैसा भी रखना,
जो सीख भले ही कड़वी देता हो पर
तकलीफ में मरहम भी बनता है…
Kathor Kintu Satya!!
Riston Ki Bagiya Mein Ek
“Rishta” Neem Ke Pedh Jaisa Bhi Rakhna,
Jo Sikh Bhale He Kadvi Deta Ho Par
Taqleef Main Marham Bhi Banta Hai
👉🏽 *परिवर्तन* से डरना और *संघर्ष* से कतराना,
मनुष्य की सबसे बड़ी कायरता है…
👉🏽 जीवन का सबसे बड़ा गुरु *वक्त* होता है,
क्योंकि जो वक्त सिखाता है वो कोई नहीं सीखा सकता…
👉🏽 कीचड़ में पैर फंस जाये तो नल के पास जाना चाहिए
मगर,
नल को देखकर कीचड़ में नही जाना चाहिए,
इसी प्रकार…
जिन्दगी में *बुरा समय* आ जाये
तो…
पैसों का उपयोग करना चाहिए
मगर…
पैसों को देखकर बुरे रास्ते पर नही जाना चाहिए…
👉🏽 बहुत ही सुन्दर वर्णन है-
मस्तक को थोड़ा झुकाकर देखिए… अभिमान मर जाएगा
आँखें को थोड़ा भिगा कर देखिए… पत्थर दिल पिघल जाएगा
दांतों को आराम देकर देखिए…… स्वास्थ्य सुधर जाएगा
जिव्हा पर विराम लगा कर देखिए… क्लेश का कारवाँ गुज़र जाएगा
इच्छाओं को थोड़ा घटाकर देखिए…. खुशियों का संसार नज़र आएगा…
👉🏽 पूरी *जिंदगी* हम इसी बात में गुजार देते हैं कि ..
“चार लोग क्या कहेंगे”,
और अंत में चार लोग बस यही कहते हैं कि *”राम नाम सत्य है”
Puri Zindagi Ham Isi Baat Mein
Guzar Dete Hain Ki…
Char Log Kya Kahenge,
Aur Ant Main Char Log Bas Yahi
Kehte Hain Ki… Ram Naam Satya Hai!
So nice Anmol Vachan
Nicçccc
very nice anmol vachan. ye sbhi anmol vachan bahut hi amazing hain.