ना कुछ पाने की आशा ना कुछ खोने का डर,
बस अपनी ही धुन, बस अपने सपनो का घर…
काश मिल जाए फिर मुझे वो बचपन के दिन!
Na Kuch Pane Ki Asha Na Kuch Khone Ka Daar,
Bas Apni He Dun, Bas Apne Sapnon Ka Ghar,
Kash Mil Jaye Phir Mujhe Wo Bachpan Ke Din..!!
यादों की धुंध में
ढूँढता हूँ मैं अपना बचपन।💐
वो पापा की डांट का कंपन,
फिर माँ का निष्पक्ष समर्थन।😊
वो ऊर्जा से परिपूर्ण तन-मन,
और बच्चों वाला स्वच्छ अंतर्मन।☺️
वो पढ़ाई की थोड़ी सी उलझन,
और ख़ुशियों का रोज़ का दर्शन।
प्रभु लौटा दो बस वो इक क्षण
तुझे मैं कर दूँ जीवन अर्पण।
सुना है अब बड़े हो गए है हम
अब जो अपने पैरो पे खड़े हो गये है हम।
इक वो शाम होती थी,जो दोस्तों के नाम होती थी,
इक शाम आज होती है,सिर पर दिन भर की थकान होती है।
अब समझ है हमें अपनी जिम्मेदारियों की,
भला किसे जरुरत है अब यार और उनकी यारियों की।
वो दादी की कहानियां कितनी सच्ची लगती थीं
झूठी थी पर फिर भी अच्छी लगती थी।
ये वो दौर था जब बच्चे थे हम,
कितना झूठ बोलते थे पर दिल के सच्चे थे हम।
वक़्त भी बदला है ,थोड़ा बदले है हम
बचपन तो चला गया, पर दिल से बच्चे है हम।
खबर है हमें वो वक़्त लौट के ना आएगा।
नादान ये दिल फिर भी उन यादों को दोहराएगा ।
Na Kuch Pane Ki Asha Na Kuch Khone Ka Daar, Bas Apni He Dun, Bas Apne Sapnon Ka Ghar, Kash Mil Jaye Phir Mujhe Wo Bachpan Ke Din Childhood Memories Quotes