कभी ठंड में ठिठुर के देख लेना
कभी तपती धूप में जल के देख लेना
कैसे होती है हिफाजत मुल्क की,
कभी सरहद पर चल के देख लेना…
Kabhi Thand Mein Thithur Ke Dekh Lena,
Kabhi Tapti Dhoop Mein Jaal Ke Dekh Lena,
Kaise Hoti Hai Hifajat Mulk Ki,
Kabhi Sarhad Par Chal Ke Dekh Lena…
दिल से निकलेगी न मर कर भी वतन की उल्फ़त
मेरी मिट्टी से भी खुशबू-ए-वफ़ा आएगी
– लाल चंद फ़लक
फना होने की इज़ाजत ली नहीं जाती,
ये वतन की मोहब्बत है जनाब
पूछ के की नहीं जाती!
बस ये बात हवाओं को बताये रखना
रौशनी होगी जिरागों को जलाये रखना
लहू देकर जिसकी हिफाज़त की शहीदों ने
उस तिरंगे को सदा दिल में बसाये रखना!
बतन की सर बुलंदी में हमारा नाम शामिल,
गुजरते रहना हैं हमको सदा ऐसे मुकामो से,
सारे जहां से अच्छा हिन्दुरस्तान हमारा!