
आँखे बंद करके चलाना खंजर मुझ पे,
कही तुम मुस्कुरा दिए तो
हम बिना खंजर ही मर जायेंगे!
Ankhe Band Kar Ke Chalana Khanjar Mujh Pe,
Kahi Tum Muskura Diye To…
Hum Bina Khanjar He Mar Jayenge…!!
बहुत शौक था
सजाने संवारने का
अब तो एक मुस्कान
भी चहेरे पर सजाने का
मन नहीं करते
खोल कर गांठें सभी
मुक्तता की ओर जाता हूं !
तु लाख संजीदा कर
मुझे ए जिंदगी
मैं तेरे हर सवाल पर
मुस्कुराता हूं !!
क्या क्या गुज़री हम पर तुम क्या जानो,
तुमने तो बस हमारे होठों की
झूठी मुस्कान को ही देखा है।।
सुनहरी छांव में बीती आंच सी तेरी मुस्कान!
जीवन के सुख में छलकी कुछ बूंद सी तेरी पहचान!
कोई बात नहीं अगर मेरी खुशियां किसी को नहीं भाती,
पर तसल्ली जरूर है इस बात की
कि कोई मेरी तकलीफों को देखकर ही खुश है
किसी की खुशियों से बढ़कर और मुझे क्या चाहिये…
मुझे तो बस मुस्कान पसंद है चाहे वो मेरी हो
हो या किसी और की 🙂।