कभी अजनबी से मिले थे, फिर युही मिलते चले गए,
हमे तो उन्हें आपने दोस्त बनाना था,
मगर वह तो हमारे दिल.. की धड़कन बनते चले गए!
Kabhi Ajnabee Se Milay The,
Phir Yuhi Milte Chale Gaye,
Hume To Unhe Aapna Dost Banana Tha,
Magar Woh Too Hamare Dil..Ki
Dhadkan Bante Chale Gaye.
Happy Valentines Day!!
‘रोज़’ ना दिया.. ‘प्रपोज’ ना किया..
इतनी स्वीट सी गर्ल को ‘चाकलेट’ क्या दूं, ये था उनका बहाना..
‘टैडी’ भी दिया तो वो भी पुराना..
सारे ‘प्रॉमिस’ तो उन्होंने पहले ही तोड़ दिए..
‘बाहों’ में आना वो कब का ना छोड़ दिए…
‘किस’ का तो कोई चांस ही नहीं..
इस ‘वेलेंटाइन डे’ कोई रोमांस नहीं..!!
I love you
I love you because
You understand the depth of my words
Even when I use the hashtag #funny
I love you because
You understand the emotions behind every text of mine
Even when I don’t use any emoji
I love you because
You understand what I want to say
Even when WhatsApp reads message has been deleted
I love you because
You understand me my love.
तुमसे अपनी मोहब्बत का इज़हार कर दूं क्या
नहीं तो कहो मोहब्बत से ही इंकार कर दूं क्या
ख़ुदा ने की है साजिशें कई हमें मिलवाने को
बोलो उसकी सारी कोशिशें बेकार कर दूं क्या
– सुप्रिया मिश्रा
कितना अजीब अपनी ज़िन्दगी का सफर निकला
सारे जहाँ का दर्द अपना मुक़द्दर निकला
जिसके नाम अपनी ज़िन्दगी का हर लम्हा कर दिया
अफ़सोस वही हमारी चाहत से बेखबर निकला
हैप्पी वैलेंटाइन्स डे
ज़िंदगी में बार बार सहारा नही मिलता,
बार बार कोई प्यार से प्यारा नही मिलता,
है जो पास उसे संभाल के रखना,
खो कर वो फिर कभी दुबारा नही मिलता…
तेरे चेहरे पर सिर्फ मेरा ही नूर होगा
उसके बाद फिर तू न कभी मुझसे दूर होगा
जरा सोच के तो देख क्या ख़ुशी मिलेगी
जिस पल तेरी मांग में मेरे नाम का सिंदूर होगा
हैप्पी वैलेंटाइन्स डे
मुस्कान हो तुम इस होठो की,
धड़कन हो तुम इस दिल की,
हसी हो तुम इस चेहरे की,
जान हो तुम इस रूह की!
प्यार की आंच से तोह पत्थर भी पिघल जाता हैं
सच्चे दिल से साथ दे तो नसीब भी बदल जाता हैं
प्यार की राहों पर अगर मिल जाये सच्चा हमसफ़र
तो प्यार वो एहसास है जिससे हर इंसान संभल जाता हैं
Happy Valentine’s Day
गुलाब देके इश्क का जो इजहार करने लगे,
पैसे देखके डेट पर वो इकरार करने लगे।
नये खून नई नस्ल के लड़की लड़के,
बिना सोचे ही वादे वो हज़ार करने लगे।
माँ-बाप ने तिल-तिल जो कमाई इज्ज़त,
आगोश-ओ-चुम्बन से वो तार-तार करने लगे।
उससे भी ज़्यादा कोई ख़ूबसूरत मिल गया तो,
उसी से देखो के आँखें वो चार करने लगे।
प्रेम क्या होता है इससे नहीं इनको मतलब,
हवस को समझे हैं के वो प्यार करने लगे।
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