Kabar Ki Mitti Hath Main Liye, Soch Raha Hun, Ki Log Marte Hai To, Guroor Kahan Jata Hai..?? Great Anmol Vachan/ Suvichar in Hindi Share With Facebook Friends
कबर की मिट्टी हाथ में लिए
सोच रहा हॅू, कि लोग मरते है तो
गुरूर कहां जाता है??
Kabar Ki Mitti Hath Main Liye,
Soch Raha Hun, Ki Log Marte Hai To,
Guroor Kahan Jata Hai..??
शोहरत की बुलंदी भी पल भर का तमाशा है,
जिस डाल पे बैठे हो वो टूट भी सकती है!
– बशीर बद्र
रूबरू होने की तो छोडि़ये,
लोग गुफ्तगू से भी कतराने लगे हैं,
गुरूर ओढ़े हैं रिश्ते,
हैसियत पे अपनी इतराने लगे हैं।
मेरा झुकना और तेरा खुदा हो जाना,
यार, अच्छा नहीं इतना बड़ा हो जाना!
जिनके पास कुछ नहीं होता,
उनके पास घमंड होता है!
गुरूर में इंसान को कभी इंसान नहीं दिखता,
जैसे छत पर चढ़ो तो अपना ही
मकान नहीं दिखता
मत किया कर इतना गुरूर
ऐ इंसान अपने आप पर
ना जाने कितने मिटा डाले खुदा ने
तेरे जैसे बनाकर
मिट्टी से मुझे मिट्टी में जाना है,
गुरूर क्यों पालु साहब, मुझे हर रिश्ता निभाना है।
also view this