
जो तुम्हारी बात सुनते हुए…
इधर-उधर देखे उस पर कभी विश्वास न करो
– चाणक्य
Jo Tumhari Baat Sunte Huye
Idhar- Udhar Dekhe Us Par Kabhi
Vishwas Na Karo… ~Chanakya Sayings
शिक्षक कभी साधारण नही होता।
प्रलय व निर्माण दोनों शिक्षक के हाथ मे होते हैं।
-चाणक्य
हर मित्रता के पीछे कोई ना कोई स्वार्थ होता है
ऐसी कोई भी मित्रता नही जिसके पीछे
स्वार्थ न छिपा हो यह जीवन का एक कड़वा सच है
-चाणक्य
युद्ध के समय
शत्रु की प्रशंसा करने वाले लोग
देशद्रोही और गद्दार होते हैं।।
-चाणक्य