
आदर करो उसका जिसने अपनी व्यस्तता में आपके
लिए समय निकाला हो, परंतु
प्यार करो उसको जिसने अपनी व्यस्तता को नहीं देखा
जब आपको ज़रूरत थी उनकी!
Aadar Karo Uska Jisne Apni Viyasthta Mein Aapke Liye
Waqt Nikala Ho Par Pyar Karo Usko Jisne Apni Viyasthta Ko Nahi Dekha
Jab Aapko Jarurt Thi Unki…

रिश्तों को शब्दों का मोहताज़ ना बनाइये
अपना कोई खामोश है तो खुद ही आवाज़ लगाइये,
बात करने के लिए वक्त और शब्द नहीं
बस मन होना चाहिए!

मैं ठीक हूँ, यह तो हम किसी से भी कह सकते हैं,
लेकिन मैं परेशान हूँ, ये कहने के लिए
कोई बहुत खास चाहिए…!

पैर को लगने वाली चोट संभल कर चलना सिखाती है,
और मन को लगने वाली चोट
समझदारी से जीना सिखाती है!

इंसानियत दिल में होती है,
हैसियत में नहीं,
ऊपर वाला कर्म देखता है,
वसीयत नहीं…
Also Read This
Please recommend to download.