
जीवन में कभी किसी से अपनी तुलना मत करो,
आप जैसे हैं, सर्वश्रेष्ठ हैं,
ईश्वर की हर रचना अपने आप में
सब से उत्तम है, अदभुत है!!
Jeevan Main Kabhi Kisi Se Apni Tulna Mat Karo
Aap Jaise Hain, Sarvshreshta Hain,
Iswar Ki Har Rachna Apne Aap Main
Sab Se Uttam Hai, Adbhut Hai…

किसी की तुलना किसी और से करना
मानसिक मंदता की निशानी होती है।
तुलना हमेशा समान गुणों और
परिस्थिति वाले लोगों के मध्य ही संभव होती है!

हमें अपनी तुलना दूसरों के साथ नहीं करनी चाहिए,
दूसरों से अपनी तुलना करने से
मन अशांत होता है
ऐसा करके हम खुद का अपमान करते हैं!

अपने जीवन की दूसरों से तुलना न करें।
आपको इस बात का बिलकुल भी भेद नहीं है
कि उनकी जीवन यात्रा किस प्रकार की रही है!

तुलना के खेल में मत उलझो,
क्योंकि इस खेल का कहीं कोई अंत नहीं है
जहाँ तुलना की शुरूआत होती है,
वही से आनंद और अपनापन खत्म होता है!
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