जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो,
बेटियाॅं भी घर में उजाला करती है…
Jaruri Nahi Roshni Chiragoin Se He Ho,
Betiya Bhi ghar Main Ujala Karti Hai….!!
हर मुस्कुराहट के पीछे
खुशी ही हो यह कोई जरूरी तो नहीं ।
कभी-कभी मुस्कुराने की वजह मजबूरी भी होती हैं।
बच्चे हमेशा दोस्त ढूंढते हैं।
अगर वह दोस्त आप खुद बन जाए तो
इससे अच्छा कुछ भी नहीं और दोस्त
बनने के लिए बेझिझक खुलकर उनसे संवाद कीजिए।
शिक्षा का मूलभूत उद्देश्य आपके अंदर छिपे
हुए हुनर को खोजना होता है.
शिक्षित होने के बाद,
अगर यह काम आप नहीं कर पाते
हैं तो आप शिक्षित होकर भी अनपढ़ ही हैं.
अगर नाम के लिए बाती जला होता तो
आज सारे जहां में एक भी दिए नहीं होते.