जरूरी नहीं की कुछ तोड़ने के लिए,
पत्थर ही मारा जाए…!!
लहजा बदल कर बोलने से भी,
बहुत कुछ टूट जाता है…!!
Jaruri Nahi Ki Kuch Todne Ke Liye,
Patthar He Mara Jaye..!!
.
.
Lahza Badal Kar Boolne Se Bhi,
Bahut Kuch Tut Jata Hai..!!
जीभ एक तेज चाकू की तरह
बिना खून निकाले ही मार देती है!
जीभ में एक भी हड्डी नहीं होती,
फिर भी यही जीभ इंसान की
सारी हड्डियां तुड़वाने की
ताकत रखती है!
सॉंप के जीभ में
अब उतना जहर नहीं,
जितना कि आजकल के
लोग तानो में उगल देते हैं!
आजकल ज़हर दुकानों पर नकली,
और जुबानों पर असली मिलता है!
शब्दों का प्रयोग
सावधानी से करिए साहब!!
ये परवरिश का प्रमाण-पत्र होते हैं!