इस नवरात्री आपके लिए नौ उपहार!
सुख, शांति, समृद्धि, संस्कार, सफलता,
संयम, सरलता, स्वस्थ्य, संकल्प!!
Is Navratri Aapke Liye Nau Uphar!
Sukh, Shanti, Smraddhi, Sanskar,
Safalta, Sayam, Saralta,
Swashtya, Sankalp
…**+ Shubh Navratri +**…
माँ तू मेरे मस्तक का चंदन,
माँ तू फूलों की है बगिया।
माँ तू धरा, धन-धान है,
माँ तू ममता भरी नर्मी ,
माँ तू क्षमा की शितलता ,
माँ तू ही मेरी दुनिया है।।
माँ तू ही शक्ति, तू ही भक्ति,
तू ही विद्या और अविद्या है।
माँ तू ही खेल तू ही युद्ध रचाती है।
माँ तू ही काल, कर्म तू ही भाग्य है।
माँ तू ही सृष्टि का सरोकार।
माँ तू ही मेरी दुनिया है।।
नव दीप जले नव फूल खिले
रोज नई बहार मिले
नवरात्रि के पावन अवसर पर आपको
माँ का आशीर्वाद मिले
जय मां शैलपुत्री🙏🚩
माता रानी की कृपा आप पर सदा बनी रहे !
आपल्या सहपरिवाराला नवरात्रीच्या अखंड शुभेच्छा 😊🙏🙏🙏
सर्व मंगल मांगल्ये शिवे सर्वार्थ
साधिके शरण्ये त्रयम्बके गौरी नारायणी नमोस्तुते।।
सुख, शान्ति एवम समृध्दि की
मंगलमयी कामनाओं के साथ
आपको एवं आप के परिवार जनो को नवरात्री की हार्दिक मंगल कामनायें ।
माँ अम्बे आपको सुख समृद्धि वैभव ख्याति प्रदान करे। जय माँ भवानी।।
||नवरात्री|| की हार्दिक शुभकामनाएं !!!
The day has just begun and there’s
mess all around, blessings we need and mercy too,
this navratri, pray for the poor,
pray for the dear,
because all we need is to face our fear.
Everyday we have to be busy,
In working, studying or others,
And whenever we get time,
we love to spend with family,
in wondering or others,
But In this roundabout time of life,
We always forget them, by whom life is going on very well.
But it is time to remember them and worship them..
Let’s celebrate navratri.. 🕉
With pomp & show.. 🎉
Happy navratri to all.. 🙏☺️
सारा जहाँ है माँ तेरी शरण में,
नमन है माँ तेरे चरण में।
माँ हम तो हैं तेरे चरणों की धूल,
आज हम चढ़ाते हैं तुमको श्रद्धा के फूल।
माँ विनती हमने ऊपर कर ली है,
अर्जी हमने पूरी शिद्दत से दे दी है,
माता इस बार करो न कुछ ऐसा चमत्कार,
हर स्त्री सुरक्षित रहे बारम्बार।
.
माँ
.
बिन बुलाए भी जहां जाने को जी चाहता है,
वो चौखट ही है तेरी “माँ” जहां इस बंदे को सुकून आता है,
माँ अपने आशीर्वाद से हमेशा सिंचित करते रहना🙏🙏🙏
माँ का प्रथमरूप शैलपुत्री
त्रिशूल और कमलधारिणी
पूर्व जन्म में जो थी सती
वही बनी माँ वृषभवाहिनी
विध्वंश किया था स्वयं को
सह न सकी शिव अपमान
वही सती हैं देवी हिमपुत्री
माँ मैना औ पिता हिमवान
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