Bewafa Pyar Love Dard Bhari Hindi Shayari, Best Painful Shayari in Hindi Collection
हमें न मोहब्बत मिली न प्यार मिला,
हम को जो भी मिला बेवफा यार मिला!
अपनी तो बन गई तमाशा जिन्दगी,
हर कोई अपने मकसद का तलबगार मिला!!
Humein Na Mohabbat Mili Na Pyar Mila…
Hum Ko Jo Bhi Mila Bewafa Yaar Mila..!
Apni To Ban Gai Tamasha Zindagi..
Har Koi Apne Maksad Ka Talabgar Mila…!!
काश!
वादे सारे तुम्हारे सच्चे होते
कितना अच्छा होता
अगर तुम सच में अच्छे होते।।
सुनो ज़रा,कर लो न साझा यूँ दर्द छुपाने से क्या फ़ायदा
सब कुछ बाँटा करोगे मुझसे,तुमने ही किया था वायदा
…..सुनो मैं बेवफा नहीं थी कभी,न धोखा कोई भी है दिया
वो मौत थी जिसे जीत न पाई, निभाया मैंने हर कायदा
…..सुनो रूह में ज़रा ढूंढो तो सही,हाथ दिल पे रखो ज़रा
महसूस करो हर कहीं पे मुझे, गुनगुनाती हुई बाकायदा
…..तूने किया जो दावा ए इश्क़,आजमाने का वक्त आया है
जो जीते तो संवर जाऊंगी ‘शावी’बन जाऊंगी मैं लायबा
– शताक्षी ‘शावी’
तुम आज भी मुझको याद करते हो,
हर पल और हर लम्हा बेहिसाब करते हो।
तुम्हारी आँखों से छलकते ये अश्क गवाह हैं,
तुम आज भी मुझसे मोहब्बत बेहिसाब करते हो।
…..जो शख्स निभाया करता था अपने सारे रिश्ते,
जो नहीं सुनता था किसी के झूठे कहानी किस्से।
वो शख्स बदल नहीं सकता, ये मेरा दिल कहता है,
इसीलिए तो आज भी इसे तुम बेवफा नहीं लगते।
डरती हूँ की कहीं उनकी बेवफाई सरे आम न हो जाए
लिख दूँ अगर मैं कुछ तो ये बात आम न हो जाए।।।
उन आँखो की कश्ती में देखूं तो कतलेआम न हो जाए
मेरे ख्वाबों में उनका आना पैगाम न हो जाए।।।।
लबों से कह दूँ उनका नाम ये तौहीन न हो जाए
ठुकराने की आजमाइस थी ये उनकी ये सिलसिला बदनाम न हो जाए।।।।
बेरंग पड़ी ये जिंदगी वो गुलाल न हो जाए
जो रंग दिया जो उसने तो बेरंग न कर जाए
उन हसीन आँखो के साए जैसे पनाह न मिल जाए
लंबो पे ठहरी जो एक हसरत वो कुबुल न हो जाए।।।
निगाह झुकी पड़ी थी मेरी वो खुदा तो न हो जाए,,,,
खुदा कहा हुआ किसी का वो सबका न हो जाए।।
निगाहें लड़ परी जो मेरी ये रंजिस फिर तो न हो जाए,,,,
लम्हें ठहर गए जो मेरे सुबह से शाम न हो जाए।।
लंबो पे बात रहे जो मेरे उनका जिक्र न हो जाए,,,
अलफाज बोल पड़े हैं मेरे कहीं वो खामोश न हो जाए।।।
राते संवर गए जो मेरे उनका नाम न हो जाए,,,
इश्के हिजकीयाँ कई आती है उनको कहीं वो मशहूर न हो जाए।।।
वो कातील कत्ल किए फिर मेरा फरेब निगाहें न हो जाँए,,,
खंजर चुभा पड़ा है मेरे ,,वो अंदर कर भी तो अब जाएँ।।।
जो रातें साथ बिताई उसने वो रातें फिर तो अब न आए,,,
महफिल भरी पड़ी थी मेरी ,,पर,तन्हा तन्हाई भी कर जाए।।।
बफाई बड़ी महँगी थी उसकी वो दाम भी क्या लगाए,,,
बेवफाई खुब सजाई उसने बावफा हमको न कह जाए।।।।
दिल टूट गया था मेरा वो काँच न हो जाए,,,
एक ख्वाब चूर हुआ था उस दिन वो महज ख्वाब न हो जाए।।।।
आँखो भरी पड़ी है मेरी कहीं वो अश्कों में न धूल जाए,,,
याँदे ढुँढ बनी है मेरी ,,,रातों की निंद भी फरमाए।।।।
सितम कई बरसाया उसने अब कहर
बरसता जाए,,,इशक फरेबी बहुत लुटा है इसने ,,
मुहौब्बत का जाम नशा भी न कर पाए।।।।
एक तस्बीर संभाल रखी है वो ढुँढला होता जाए,,,
क्या खुब कहा था उसने वो मेरा न हो पाए।।
हैरत हुई ये सबको की मुझको छोड़ क्यूँ है जाए,,,
किनारे पे डुब रही थी कस्ती वो पतवार न बन पाए।।।।।
करवतें बदल रही थी रातें अब सिराहना न दे पाए
हाँ डरती हूँ ये वेवफाई सरे आम न हो जाए,,,
जो लिख दूँ मैं कुछ तो ये बात आम न हो जाए