एक बूढ़ा लगभग रोज अखबार की दुकान पर आकर कई अखबार उलट पलट कर देखता, एकाध खरीद भी लेता कभी। कई दिनों बाद दुकानदार ने पूछा, ” बाबा ,आप क्या खोजते हो रोज इन अखबारी पन्नों में? ” ” अपनी तस्वीर ” बूढ़े ने कहा! क्या आपने छपने को भेजी है कहीं ? नहीं ,पर…
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संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं!!
उत्तम विचार जो इंसान अच्छे विचार और अच्छे संस्कारो को पकड़ लेता है फिर उसे हाथ में माला पकड़ने की जरूरत नहीं पड़ती अकाल हो अगर अनाज का तब मानव मरता है किन्तु अकाल हो अगर संस्कारों का तो मानवता मरती है संस्कारों से बड़ी कोई वसीयत नहीं और र्इमानदारी से बड़ी को विरासत नहीं।…
फैसले नही फासले हो जाते है!!
खुद से बहस करोगे तो सारे सवालों के जवाब मिल जाएंगे ! अगर दुसरो से करोगे तो और नये सवाल खड़े हो जायेंगे !! जब मनुष्य अपनी ग़लती का वक़ील और दूसरों की गलतियों का जज बन जाता है तो फैसले नही फासले हो जाते है!! Khud Se Bahas Karoge To, Sare Sawalon Ke Jawab…
नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते है!!
इज्जत और तारीफ मांगी नही जाती, कमाई जाती है नेत्र केवल दृष्टि प्रदान करते है परंतु हम कहाँ क्या देखते है यह हमारे मन की भावना पर निर्भर है ॥ Ijjat Aur Tareef Mangi Nahi Jati Kamai Jati Hai! Netra Kewal Dristi Pradan Karte Hain, Parantu Hum Kahan Kya Dekhte Hain, Yah Humare Man Ki…
मनुष्य को उसके कर्म ही दण्डित करते है!!
उत्तम विचार मनुष्य को उसके कर्म ही दण्डित करते है और उसके कर्म ही उसे पुरस्कृत करते है, मनुष्य व्यर्थ ही ईश्वर को अपने दुखों का दोषी ठहराता है। व्यक्ति अकेले पैदा होता है और अकेले मर जाता है और वो अपने अच्छे और बुरे कर्मो का फल खुद ही भुगतता है। Uttam Vichar Manushya…
इंसान जिंदगी भर दूसरे से कितना जलता है!!
शमशन की राख देख के मन में एक ख्याल आया… सिर्फ राख होने के लिए इंसान जिंदगी भर दूसरे से कितना जलता है Samsaan Ki Rakh Dekh Ke Man Main Ek Khayal Aaya!! Sirf Rakh Hone Ke Liye Insaan Zindagi Bhar Dusre Se Kitna Jalta Hai!
कि सब कुछ सबको नहीं मिल सकता!!
एक बेहतरीन जिंदगी जीने के लिए यह स्वीकार करना भी जरूरी है कि सब कुछ सबको नहीं मिल सकता। Ek Behtreen Zindagi Jeene Ke Liye Yah Suwikar Karna Bhi Jaruri hai Ki Sab Kuch Sabko Nahi Mil Sakta!!
जि़न्दगी में सारा झगड़ा ही ख्वाहिशों का है!!
जरूरत से ज्यादा मिले उसको कहते है नसीब… भगवान का दिया सब कुछ है फिर भी रोता है उसे कहते है बदनसीब और कुछ भी ना होकर भी खुश रहता है उसको कहते है खुशनसीब ख्वाईश मनुष्य को जीने नहीं देती और मनुष्य ख्वाईश को मरने नहीं देता! Jarurat Se Jyda Mile Usko Kehte Hai…
”सम्मान” देती है!!
”श्र्द्धा” ज्ञान देती है, ”नम्रता” मान देती है, और ”योग्यता” स्थान देती है। पर तीनों मिल जाए तो व्याक्ति को हर जगह ”सम्मान” देती है। “Shraddha” Gyan Deti Hai, “Namrta” Maan Deti Hai, Aur “Yogyata” Sthan Deti Hai Par Teeno Mil Jaye To, Viyakti Ko Har Jagah “Samman” Deti Hai!
किसी की बुराई तलाश करने वाले!!
किसी की बुराई तलाश करने वाले इंसान की मिसाल उस मक्खी की तरह है जो सारे खूबसूरत जिस्म को छोड़कर केवल जख्म पर ही बैठती है!! Kisi Ki Burai Talash Karne Wale Insaan Ki Misaal Us Makkhi Ki Tarah Hai Jo Sare Khoobsurat Jism Ko Chhodkar Kewal Jakhm Par He Bathti Hai!!
परिस्थितियां जब विपरीत होती है!!
परिस्थितियां जब विपरीत होती है, तब व्यक्ति का ‘‘प्रभाव और पैसा’’ नहीं ‘‘स्वभाव और संबंध’’ काम आते हैं! Paristhithiya Jab Vipreet Hoti Hain Tab Viyakti Ka ” Prbhav Aur Paisa” Nahi ” Subhav Aur Sambandh” Kaam Aate Hain! इंसान की नाजायज कमाई का लाभ कोई भी उठा सकता है, लेकिन उसके कर्मो का फल उसे…
अपना दुख दर्द देता है!!
दुखी सब है संसार में कौन है जो सुखी है, किसी को अपना दुख दर्द देता है तो किसी को दूसरों का सुख दर्द देता है! Dukhi Sab Hain Sansar Main Koun Hai Jo Sukhi Hai, Kisi Ko Apna Dukh Dard Deta Hai To Kisi Ko Dusron Ka Sukh Dard Deta Hai!