
हवाओं से कह दो कि अपनी औकात में रहे
हम पैरों से नहीं हौसलो से उड़ा करते है..!!
Hawaon Se Kehdo Ki Apni Aukat Mein Rahe
Hum Pairon Se Nahi Hauslon Se Uda Karte Hai!!
मुझे उड़ान चाहिये हौसलों की
माँ ! तुम होती तो धीरज बाँधती
जिंदगी पांवों से नहीं,
हौसलों से चलती हैं !

हर चीज़ आसान है इस दुनिया में,
अगर ताकत हो तुम्हारे हौसलों में।
फ़िलहाल मेरी कमज़ोरी नहीं, मेरे वक्त को जानो,
वक्त बदलते ही, मेरे इरादों को नहीं, हौसलों को जानो
उम्मीद का दामन न छोड़,
हौसलों से रास्ता न मोड़ ऐ परिंदे….
याद रख तूफां में उजड़ने के बाद
आशियां फिर से सजाए जाते रहे हैं।
मोहब्बत तो हुई है लेकिन
तुमसे नहीं अपने हौसलों से
और शोहरत तो मिली है
लेकिन तुमसे नहीं अपने फैसलों से