हारना तब आवश्यक हो जाता है,
जब लड़ाई अपनों से हो…
और
जीतना तब आवश्यक हो जाता है,
जब लड़ाई अपने आप से हो…
Haarna Tab Awashyak Ho Jata Hai,
Jab Ladai Apnon Se Ho… Aur
Jeetna Tab Awashyak Ho Jata Hai,
Jab Ladai Apne Aap Se Ho…
रिश्तों में हार जीत तो लगी रहती है,
रिश्ते कभी आग के अंगरों पे तो चलते ही हैं,
रिश्ते कभी एक दूसरे से दूर खींचते ही हैं
रिश्तों को करीब रखिए,
क्यों के ये ऐसे नाजुक फूल की तरह होते हैं,
जो एक पल में बिखर जाते हैं,
जहां आप ने ढील दी नहीं अपना धागा कोई और जोड के चला जाता है
और पीछे छोड़ जाता है पछतावा, यादें और आंसू
जीत की आदत अच्छी होती है,
पर कुछ रिश्तों में
हार जाना बेहतर होता है!
जब रिश्तों में ज़िद और मुकाबला आ जाये,
तो ये दोनों जीत जाते है और रिश्ता हार जाता है!
दिल के रिश्तों में हार-जीत नहीं होती
एहमियत तो बुरे वक्त में साथ देने की होती है!
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