
गुणों से मानवता की पहचान होती है!
ऊँचे सिंहासन पर बैठने से नहीं…
महल के उच्च शिखर पर बैठने के
बावजूद कवा का गरुड़ होना असंभव है!
Guno Se Manavta Ki Pahichan Hoti Hai
Uche Sihasan Par Baithne Se Nahi…
Mahal Ke Ucch Sikhar Par Baithne Ke
Bawajood Kawa Ka Garud Hona Asambhav Hai
~ Chanakya
शिक्षक कभी साधारण नहीं होता,
प्रलय और निर्माण उसकी गोद में पलते हैं।”
~ आचार्य चाणक्य
मुझे चिन्ता या भीख की जरुरत नही, घनानंद !
मै शिक्षक हूँ यदि मेरी शिक्षा में सामर्थ्य है तो
अपना पोषण करने वाले सम्राटों का निर्माण मै,
स्वयं कर लुँगा !
#चाणक्य
🙏शिक्षक दिवस पर शुभकामनाएँ 🙏