
क्या बताए गालिब…
वो गुस्से में भी हम पे रहम कर गई!!
लगाया कस के चांटा…
और सर्दी में भी गाल गरम कर गई।
Kya Bataye Galib…
Wo Gusse Main Bhi Hum Pe Raham kar Gai…
Lagaya Kas Ke Chanta….
Aur Shardi Main Bhi Gaal Garam Kar Gai…!!
लैला की शादी में एक लफड़ा हो गया,
मजनू इतना नाचा कि लँगड़ा हो गया।
किसी का हाथ थाम के छोड़ना नहीं,
वादा किसी से कर के तोड़ना नहीं,
कोई अगर तोड़ दे दिल आपका तो,
बिना हाथ पैर तोड़े उसे छोड़ना नहीं।
मेरे प्यार को बेवफाई का इनाम दे गई,
मेरे दिल को अपनी यादों का पैगाम दे गई,
मैंने कहा मेरे दिल में दर्द है तेरे बिना,
तो वो जाते-जाते “झंडूबाम” दे गई।
जिनको हम चुनते हैं, वो ही हमें धुनते हैं,
चाहे बीवी हो या नेता, दोनों कहाँ सुनते हैं!!