
सर झुकाओगे तो पत्थर भी देवता हो जाएगा!
इतना मत चाहो उसे वो बेवफा हो जाएगा!!
Saar Jhukaoge To Patthar Bhi Devta Ho Jayega!
Etna Mat Chaho Use Wo Bewafa Ho Jayega
तेरी यादें…बड़ी बारे गराँ है…
एक दवा चाहिए…इन्हें उठाने के लिए…
जिस दिन से तुमने
नज़रें मिलाना छोड़ दिया
तेरी गलियों में हमने
आना जाना छोड़ दिया
ये इश्क़ का दर्द ठहर क्यों नहीं जाता
ये गुस्ताख दिल क्यों तनहाइयों को अब मिटा नहीं पाता
मोहब्बत बेवफा से करके जब खाई है ठोकरे
तो फिर क्यों उस बेवफा की यादों के महफिल सजाता
औरत की मोहब्बत इतनी कमजोर नहीं होती
साहब… हर कोई बेवफा नहीं होती…
इश्क़ वालों ने जी भरकर लूटा, हमको हर इक मोड़ पर
हम तो ग़ाफ़िल मोड़ पर, बस ज़िंदगानी कहते रहे
प्यार हमने रूह से किया था पार कर गये हद को भी हम
बस प्यार के ही चाह में, उनके हर सितम सहते रहे
प्यासा मैं उनके प्यार का और प्यासा ही रह गया
चंद वक़्त देने की ख़ातिर हम सफ़र भर उनसे लड़ते रहे
छोड़ गये बीच सफ़र, चंद सिक्कों-झूठे वादों की ख़ातिर
वो लौटेंगे ज़िन्दगी में मेरी यही सोच हम उनके ही रहे
धोखों के इस दौर में भी मैंने, प्यार को है इबादत माना
इसीलिए खुद से भी ज़्यादा हम उनका ख़्याल करते रहे
जो थे जिस्म और दौलत के भूखे वो जाने क्या प्यार का मोल
हम ठहरे बंदगी वाले, बस प्यार ही हम देते रहे
वो और बात थी कि इज़हार उन्हीं ने किया था
फिर भी हम उनके प्यार के लिए ता-उम्र तड़पते रहे
मलाल कुछ नहीं बस इतना सा है “मुसाफ़िर”
उस फ़रेबी को जानते हुए भी तुम प्यार करते रहे