एक ही समानता है पतंग और जिन्दगी में
उंचाई में हो तब तक ही वाह-वाह होती हैं!
Ek he Samanta Hai, Patang Aur Zindagi Mein
Unchai Me Ho Tab Tak He Wah Wah Hoti Hai….
इंसान और पतंग ज्यादा हवा में उड़े,
तो समझ लेना कि वो कटने वाले है!
पतंग सी है जिंदगी, कहाँ तक जाएगी,
रात हो या उम्र, एक ना एक दिन
कट ही जाएगी!
हर पतंग को एक दिन
कचरे के डिब्बे में जाना होता है,
लेकिन उससे पहले एक दिन
आसमान छूकर दिखाना होता है!
अगर ऊँचाइयॉं न भी मिले, जमीं तो मेरी है,
तू जम के उड़, तू झूम के उड़ पर यूँ इतना न इतराओं
पतंग तेरी डोर तो थामें हम रखतें हैं,
और जूनून हम में इतना है की जिस दिन जब जाहें
किसी की भी जमीं खिसकाने का दम हम रखते है!