!!दोस्ती!!
दोस्त साथ हो तो रोने में भी शान है,
दोस्त ना हो तो महफिल भी शमशान है,
सारा खेल दोस्ती का है वरना
जनाजा और बारात एक समान है…
Dost Sath Ho To Rona Bhi Shaan Hai,
Dost Na Ho To Mehfil Bhi Shamshan Ha,
Sara Khel Dosti Ka Hai… Warna,
Janaza Aur Barat Ek Saman Hai…!!
दोस्ती जब किसी से की जाए
दुश्मनों की भी राय ली जाए
दावे मोहब्बत के मुझे नहीं आते दोस्तों,
एक जान है जब दिल चाहे माँग लेना!
तेरी हंसी मेरी जिंदगी की रौशनी,
तू है मेरी दोस्ती की सबसे खास कहानी!
नाम छोटा है मगर दील बडा रखता हूँ,
पैसो से इतना अमीर नही,
मगर अपने यारो के गम खरीदने की औकात रखता हूँ!
दुश्मनी जम कर करो लेकिन ये गुंजाइश रहे
जब कभी हम दोस्त हो जाएँ तो शर्मिंदा न हों
ज़िंदगी के सफर में मेरा जब-जब बुरा मक़ाम आया
यारों के आँगन में बैठ मुझे तब-तब आराम आया!
तेरी दोस्ती के लिए अपना दिल तोड़ सकता हूँ,
लेकिन अपने दिल के लिए तेरी दोस्ती नहीं तोड़ सकता।
यारा तेरी यारी सबसे खास होती है
जो तेरी दुआ हर पल मेरे साथ होती है !
खुदा भी अगर मागेगा तेरे खातिर मेरी जान
हास् कर दे दुगा, क्युकी दोस्ती ही मेरी जान होती है !
मुझे भूल जाएगा तब भी मैं तुझे याद करूँगा
दोस्त हु मैं तेरा खुद से पहले तेरे लिए दुआ करूँगा..!
किस्मत की लकीरें हमारी बहुत खास है
तभी तो तुम जैसे दोस्त हमारे पास है..!
हम को यारों ने याद भी न रखा
‘जौन’ यारों के यार थे हम तो!!