
दूरियों से फर्क नहीं पड़ता,
बात तो दिल की नजदीकियों की होती है!
दिल के रिश्ते तो किस्मत से बनते हैं
वर्ना मुलाकात तो जाने कितनों से होती है!
Dooriyon Se Fark Nahi Padta,
Baat To Dilo Ki Nazdikiyo Ki Hoti Hai!
Dil Ke Rishte To Kismat Se Bante Hain,
Warna… Mulakat To Jane Kitno Se Hoti Hai!
न क़रीब आ न तो दूर जा,
ये जो फ़ासला है ये ठीक है,
न गुज़र हदों से न हद बता,
यही दायरा है ये ठीक है!

दूरियों का ग़म नहीं,
अगर फासले दिल में ना हो,
और नजदीकियाँ बेकार हैं,
अगर जगह दिल में ना हो!
दूरी हुई तो उनसे, करीब और हुम हुए
ये कैसे फ़ासिले थे, जो बढ़ने से कम हुए!
उनसे दूरी का एहसास होने लगा है,
अब बस ख्वाबों में वो मिलने लगे हैं!

तुमसे दूर इस तरह हो जाएंगे,
तड़पाने वाली सारी यादें मिटा देंगे!
दूरी ऐसी कि मिटती ही नहीं,
मैं तेरे पास भी आऊँ तो कहां तक आऊँ!

बेहतर उनसे फिर मुक़म्मल दूरी है,
जिन्हें हम नहीं कोई और ज़रूरी है!

मुझसे दूरियाँ बनाकर तो देखो,
फिर पता चलेगा कितना नज़दीक हूँ मैं!
कौन कहता है कि मिट जाती है,
दूरी से मोहब्बत मिलने वाले तो
ख्यालों में भी मिला करते हैं!
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