चेहरे तलाशने का हुनर,
तो बचपन से हि था मुझ में….
पर चेहरे पहचानने का हुनर,
अब तक नहीं सिखा हूँ मैं!
Chehre Talashne Ka Hunar,
To Bachpan Se He Tha Mujh Mein…
Par Chehre Pehchanne Ka Hunar,
Ab Tak Nahi Sikha Hun Main!!
बूढ़ी सी थकन आ के चेहरे पर लेट जाती
काश! मैं कभी गरीबों की नींद सो लेता…
Budhi Si Thakan Aa Ke Chehre Par Let Jati,
Kash!!, Mein Kabhi Gareeb Ki Nind So Leta
जैसे छुपा कोई राज गहरा है
अगर कभी लोगो की सूरत पे जाओगे
तो ज़िन्दगी में धोखा जरूर खाओगे
क्योकि यहाँ चेहरे के पीछे चेहरा है
ये संसार वो नही जो दिखता है ।।।
ना जाने कितने लोग झूठ का
नकाब ओढ़े रखते है।।।
कई लोगो का अपने मतलब के लिए
ईमान तक बिकता है क्योकि
चेहरे के पीछे चेहरा है ।।।