चेहरे पर फेसबुक सी रौनक है,
दिल व्हाट्सप्प हुआ जा रहा है।
समाज से कटकर भी,
इंसान सोशल हुआ जा रहा है।
Chehre Par Facebook Si Ronak Hai,
Dil Whatsapp Hua Jaa Raha Hai!
Samaj Se Katkar Bhi…
Insaan Social Hua Jaa Raha Hai!
फेसबुक के दोहे
फेसबुक के संसार में, भांति भांति के लोग,
कुछ तो करते दोस्ती, कुछ बनते दिल का रोग…
रहिमन अपनी फेसबुक, पर जो रोज़ न जाएँ,
सुन्दर सुन्दर छोरीयन से, बात कहाँ कर पायें…
घर में झगडा रोज का, ‘पर-नारी’ मन भाए,
‘पत्नी-संग’ प्रोफाइल पर, ‘जोड़ा’ चित्र लगाये…
तुलसी अपनी प्रोफाइल पर, अइसन चित्र लगायें,
दिन दूनी रत चौगनी, फ्रेंड् रिक्वेस्ट बढ़ती जायें…
फिल्टर से लयी सेल्फी, फेसबुक पर चिपकाएँ,
मुर्गी सरीकी छोकरी, मयूरी बन मुस्काएँ …
रहिमन फेसबुक लाइव पर, ढेंचू ढेंचू गाए,
फटे बाँस सो छोकरो, तानसेन कहलाए…